सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन क्या हे.

सर्च इंजनों का काम है वेबसाइटों में रखी सामग्री को जरूरत पड़ने पर सिलसिलेवार ढंग से यूजर के सामने रखना। आज एक ही विषय पर लाखों वेब पेज मौजूद हैं, जिन्हें सर्च इंजन पर कई पेजों में दिखाया जाता है। वे किन वेब पेजों को पहले पन्ने पर और किन्हें पिछले पन्नों पर दिखाएंगे, इसके कुछ तकनीकी नियम और तरीके हैं, जिनमें पेज रैंक, लिंक पॉपुलैरिटी और की-वर्ड डेंसिटी आदि शामिल हैं। इन पैमानों पर बेहतर प्रदर्शन करने
वाले वेब पेज सर्च रिजल्ट्स में ऊपर दिखते हैं। हर कंपनी और हर सर्विस प्रवाइडर चाहता है कि उसके वेब पेज सर्च रिजल्ट्स में सबसे ऊपर दिखाई दें। इसलिए वे अपनी वेबसाइटों की सामग्री को सर्च इंजनों पर बेहतर रैंकिंग पाने के लिहाज से संशोधित करवाते हैं। इस प्रक्रिया को सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) कहते हैं।

इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले गूगल, याहू, बिंग, लाइकोस आदि जैसी वेबसाइट का सहारा लेते हैं। कारोबार की बढ़ोतरी में भी इंटरनेट के इन सर्च इंजन का अहम योगदान है। क्या आपने इस बारे में सोचा है कि गूगल, याहू, अल्टाविस्टा आदि वेबसाइट पर जब आप किसी चीज की खोज करते हैं तो परिणामों की संख्या कितनी होती है और आप उनमें से कितने पृष्ठ देखते हैं।

अधिकांश लोग खोज परिणामों के शुरुआती 3 पृष्ठों को ही देखते हैं जबकि परिणामों की संख्या लाखों में होती है। वेबसाइट के जरिए अपनी पहचान मजबूत करने और कारोबार में इजाफे के लिए कंपनियां शुरुआती 3 पेज में आने के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन का सहारा लेती हैं। इंटरनेट इस्तेमालकर्ताओं की बढ़ती संख्या के साथ ही सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के विशेषज्ञों की मांग भी बढ़ रही है। इस क्षेत्र में अवसरों की कमी नहीं है।

विशेष रूप से सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की सेवा देने वाली कंपनियों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। वेबसाइट डिजाइनिंग, डेवलपमेंट और वेबसाइट होस्टिंग की सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनियां सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन तकनीक के विशेषज्ञों को अपने यहां नौकरी देती हैं। ऐसी कंपनियां आम तौर पर विभिन्न वेबसाइट के प्रमोशन का काम करती हैं। इसके अतिरिक्त बड़ी कंपनियां अपनी वेबसाइट की ट्रैफिक बढ़ाने के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के जानकारों को रखती है।



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