ऑक्सीजन के कण अंतरिक्ष में मिले

पासाडेना यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ईएसए) के हर्शेल स्पेस ऑब्जर्वेट्री ने अंतरिक्ष में ऑक्सीजन के अणु खोजे हैं। अंतरिक्ष में पानी की मौजूदगी की पुष्टि के 15 दिनों के अंदर ही अंतरिक्ष विज्ञानियों को दूसरी बड़ी सफलता मिली है। अंतरिक्ष में जो ऑक्सीजन कण (ओ-२) मिले हैं वह इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे प्राणवायु के निर्माता हैं। इन्हीं ऑक्सीजन कणों से पृथ्वी पर प्राणवायु का २ फीसदी हिस्सा तैयार होता है। पासाडेना स्थित नासा के जेट प्रोप्लशन लेबोरेट्री में हर्शेल प्रोजेक्ट पर लगे वैज्ञानिक डॉ. पॉल गोल्डस्मिथ और ईएसए के वैज्ञानिक गोरान पिलब्रैट कहते हैं कि हम जितना उम्मीद कर रहे थे उससे कम ऑक्सीजन है, पर इस बात की पुष्टि हो गई है कि अंतरिक्ष में ऑक्सीजन की मौजूदगी है। जिसे इंसान खोज नहीं पा रहे हैं।
1500 प्रकाश वर्ष दूर मिले:- ये कण पृथ्वी से खुली आंखों से दिखने वाले और १५ प्रकाश वर्ष दूर ओरियन तारामंडल में मिले। हर्शेल स्पेस ऑब्जरवेटरी के हाईफाई फार-इन्फ्रारेड यंत्र को ओरियन तारामंडल की तरफ केंद्रित किया गया। पता चला कि वहां एक तारे का निर्माण हो रहा है। उसके चारों तरफ गैस और धूल के बादल हैं। तीन विभिन्न इन्फ्रारेड फ्रिक्वेंसी का प्रयोग करने पर ये पता चला कि वहां पर हर दस लाख हाइड्रोजन कणों के बीच ऑक्सीजन का एक जुड़वां कण है।
कैसा दिखा ओ-2:- ओरियन तारामंडल के निर्मित हो रहे तारे के बीच ऑक्सीजन के दो परमाणु आपस में जुड़े हुए दिखाई दिए हैं। वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि ऑक्सीजन परमाणु ठंडे होकर बहुत ही छोटे धूल के कणों के आकार में तब्दील हो गए होंगे। इसके बाद वे अंतरिक्ष की ठंडक की वजह से बर्फ के कणों में बदलकर तैर रहे होंगे। अगर ये संभावना सच होती है तो वे जब भी गर्म हिस्से में आएंगे, वे गैस के रूप में बदलकर बादलों जैसे दिखाई पड़ेंगे। किसी भी बड़े तारे या ग्रह के आसपास ऑक्सीजन के एक कण की मौजूदगी आम बात है पर उन कणों का मिलना बड़ी बात है जो हमारे लिए हवा का 20 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। जो कण मिले हैं वह पृथ्वी पर प्राणवायु के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अंतरिक्ष में इनका मिलना बड़ी उपलब्धि है। —

डॉ. पॉल गोल्डस्मिथ



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