Create a New Apple ID without Credit Card 2015 – बिना Credit Card के एपल अकाउंट खोलें

बिना Credit Card के एपल अकाउंट खोलें  – Create a New Apple ID without Credit Card 2015

नमस्कार दोस्तो क्या हाल हैं, काफी दिनों के बाद आप से बात करने का टाइम मिला है कुछ कामों में  ब्यस्त था। कुछ लोगो का जादा तर हमारे भारत के कुछ दोस्तों की एक बड़ी समस्या होती है हर कोई Apple का iPhone तो खरीद लेता है मगर जब भी आईफोन या एपल के किसी भी device से आप ऑनलाइन facility लेना चाहते हो तो पहले आप को Apple में ID create करनी होती है और जब भी कोई एपल में id खोलता है तो वह आप का Credit Card मगता है मगर हर किसी के पास क्रेडिट कार्ड हो यह जरूरी नहीं है और बस इसी वजह से आप एपल में न्यू अकाउंट नहीं खोल पाते हैं, तो मैं आज आप को यह बताने जारहा हूँ की बिना Credit Card के आप एपल में US, UK और India का न्यू अकाउंट कैसे खोलेंगे। इस तरह से आप इंडियन, US और UK के Apple store से किसी भी free app को Download कर सकते हो।

Open a New Apple ID in iTunes without Credit Card

1.  Download iTunes और इसे अपने कम्प्युटर में इन्स्टाल करें। और यदि पहले से ही इन्स्टाल है और आप उस में लॉगिन हैं तो Logout या Sign-out कर लें।
  1. उसके बाद iTunes पेजे में नीचे जाएँ और अपनी मन चाहा Country select करें जहां की आप Apple ID खोलना चाहते हैं।
  2. फिर iTunes में Apps Store को खोलें और किसी फ्री अप्प पर क्लिक करें और उस अप्प को download करने के लिए Get button पर क्लिक करें।
  3. iTunes आप से login करने को कहेगा मगर आप लॉगिन की बजाए Create Apple ID बटन पर क्लिक कर न्यू id खोलें, अपना कोई भी नया ईमेल, पासवर्ड ऑर अपनी उम्र डालें (उम्र कम से कम 13 साल से जादा होनी जरूरी है)। अगर आप 13 साल से कम उम्र के हैं तो आप को इस तरह का error मैसेज दिखेगा। “you cannot create an Apple ID because you do not meet the minimum age requirements.”
Create a New Apple ID without Credit Card 2015
Create a New Apple ID without Credit Card 2015 – Photo from Labnol
  1. इसके बाद जब आप Provide a Payment Method पेज में जाएंगे तो नीचे पेमेंट टाइप मे से None को select करें। उस county का कुछ भी address डालें और Submit बटन पर क्लिक कर अकाउंट को खोलें।
इस तरह आप किसी भी county का अकाउंट खोल सकते हो और वहाँ के फ्री अप्प डौन्लोड कर सकते हो, या कभी आप को अपने Apple iPhone या कोई भी Apple device से गलती से कोई paid app download होने का डर हो या आप के घर में बच्चे हो जो कभी भी गलती से किसी paid app को download न करे दे इस लिए भी आप इस ID को इस्तेमाल कर सकते हैं।

How to Unblock Blocked Websites

इंडिया में कुछ वैबसाइट ब्लॉक हैं मतलब उन वैबसाइट को आप इंडिया में खोल नहीं सकते जैसे ही आप साइट का नाम एड्रैस बार में लिखते हो तो आप के सामने एक मैसेज आता है “This website/URL has been blocked as per instructions from Department of Telecommunications and/or Courts of India.” इस का यह मतलब है की इस साइट से या तो इंडियन गवर्नमेंट को या दूरसंचार विभाग को या भारत की जनता को किसी न किसी रूप से नुकसान पाहुच सकता है य पाहुचाया गया हो, इस लिए इस वैबसाइट को इंडिया में ब्लॉक कर दिया गया है। मगर यदि आप को उस वैबसाइट को इंडिया में खोलना है तो इसका भी एक तरीका है जो आज मैं आप को बताने जा रहा हूँ।

How to open blocked sites / Unblock blocked websites

How to open Block Sites in India / ब्लॉक साइट को कैसे खोलें

वैसे तो ब्लॉक साइट को खोलने के कई तरीके है जिन में से एक मैं आज आप लोगो को बताने जा रहा हूँ
Tor Browser द्वारा, इस के लिए आप को google में सर्च करना होगा tor browser download या आप अपने किसी भी ब्राउज़र में https://torproject.org/download लिखे जैसे ही आप के सामने पेज खुलेगा उस में से आप Microsoft Windows वाले ऑप्शन पर क्लिक करें यदि आप “Microsoft Windows” इस्तेमाल करते हो तो अन्यथा जो भी Operating System आप इस्तेमाल करते हो उस पर क्लिक करे उस के बाद Download Tor Browser पर क्लिक करे।
Tor-Browser

जरूर पढ़े :- इंटरनेट से पैसे कमाने के तरीके – Make Money Online

जब Tor Browser पूरा Download हो जाएगा तो उसको Install करें, इन्स्टाल करने के लिए उस पर Double click करें और Next – Next करते जाएँ, पूरा Install हो जाने के बाद उस का एक icon आप के कम्प्युटर के डेस्कटॉप में आ जाएगा, उस icon पर क्लिक कर उसे खोले Tor Browser खुल जाएगा इसके एड्रैस बार में आप किसी भी Block website का address डालेंगे वह website open हो जाएगी।
open Tor Browser  

नोट -
दोस्तों यह तरीका सिर्फ आप के ज्ञान मात्र के लिए है कृपया इस का इस्तेमाल किसी भी प्रकार के गलत काम के लिए न करें। अन्यथा इस के जीमेदार आप खुद होंगे। 
किसी भी प्रकार की मदद के लिए नेचे कमेंट करें।

Home > Hosting > What is Cloud Computing – क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या है। What is Cloud Computing – क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या है।

Cloud Computing (क्लाउड कम्प्यूटिंग)

आखिर कार ये Cloud Computing है क्या चीज, क्लाउड कम्प्यूटिंग का नाम जादा सुनने में लगभग 2007-08 से आया है मगर 2013 से क्लाउड कम्प्यूटिंग का इस्तेमाल कुछ जादा होने लगा है। अगर हम इस के नाम पर जाए तो Cloud Computing (क्लाउड कम्प्यूटिंग) बादलों से संबंधित है, तो आप एकदम सही सोच रहे हैं, क्लाउड कम्प्यूटिंग कम्प्युटरों का एक जल है जिस में आप हर तारह की जानकारी डाल सकते हो और जब चाहे तब उस डाटा या जानकारी को आपने कम्प्युटर, टैब या मोबाइल फोन की मदद से देख व अपडेट कार सकते हो। वैसे तो हर इंटरनेट इस्तेमाल करने वाला क्लाउड कम्प्यूटिंग का इस्तेमाल कर चुका है और कर भी रहा है मगर वह क्लाउड कम्प्यूटिंग एक छोटा सा भाग ही इस्तेमाल करता आया है जैसे:- आप अपने कम्प्युटर, टैब व मोबाइल से इंटरनेट का इस्तेमाल, फेस्बूक, जीमेल, WhatsApp, गूगल डॉक, आउटलूक आदि। मगर आज क्लाउड कम्प्यूटिंग ने बहुत बड़ा रूप ले लिया है और हर कोई इस में अपनी अवश्कता या जरूरत के अनुसार किसी भी एप्लिकेशन, अप्प व डाटा को इस्तेमाल कर सकता है।

यह परिवर्तन ऐसे सॉफ्टवेयरों की बदौलत आया है जो कंप्यूटर पर नहीं, बल्कि वेब या इंटरनेट पर चलते हैं। कुछ टाइम पहले किसी सॉफ्टवेयर को इस्तेमाल करने के लिए आप को उसको अपने कंप्यूटर या सेलफोन पर डाउनलोड करना पड़ता था, इसके बाद वह सॉफ्टवेयर केवल उसी कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर चलाया जा सकता था। मगर आज क्लाउड कंप्यूटिंग के जरिये आप बिना सॉफ्टवेयर डाउनलोड किये हुए उस का इस्तेमाल काही भी रहते हुए इंटरनेट के जरिए कर सकते हैं उस पर आप अपने डॉकयुमेंट, विडियो, फोटो इत्यादि रख सकते हैं और जब भी चाहें किसी भी उपकरण से उनको देख और बदल सकते हैं।
क्लाउड कम्प्यूटिंग का एक और उदाहरण मैं आप लोगो को देता हूँ, आज तक आप को Windows, Linux, OS आदि ओप्रटिंग सिस्टम चलाने के लिए लैपटॉप या डेस्कटॉप की जरूरत होती है मगर क्लाउड कम्प्यूटिंग द्वारा आप को किसी भी ओप्रटिंग सिस्टम को चलाने के लिए लैपटॉप या डेस्कटॉप की जरूरत नहीं हैं, आप क्लाउड कम्प्यूटिंग में ही अपना मन चाहा कम्प्युटर और उस में हार्डडिस्क व रैम घाटा बड़ा सकते हो और मन चाहा ओप्रटिंग सिस्टम इन्स्टाल कार के उसमें कोई भी एप्लिकेशन इन्स्टाल कर सकते है और कहीं भी रहते हुए इंटरनेट के द्वारा आप उसे चला सकते है या आपने क्लाउड कम्प्युटर को ऑपरेट कर सकते हैं।
आज हर बड़ी कंपनी क्लाउड की सुबिधा देने लगी है क्यों की आनेवाला टाइम क्लाउड का ही होने वाला है आप हर काम क्लाउड में ही करोगे चाहे आप अपने घर पे हो या ऑफिस में बस आप के पास इंटरनेट होना चाहिए और फिर आप के पास कोई भी डिवाइस हो लैपटाप, डेस्कटॉप, मोबाइल फोन, टीवी हो या गेम कंसोल हो या इंटरनेट से चलने वाली कोई भी चीज, आप हर काम अपने किसी भी डिवाइस से कर सकते हो।
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क्लाउड कम्प्यूटिंग सुबिधा देने वाली कुछ बड़ी कंपनीयां

Google Cloud

गूगल आप को अपने क्लाउड को 60 दिनो तक फ्री में इस्तेमाल करने के लिए $300 देता है जिस से आप गूगल क्लाउड की कोई भी सुबिधा को अपने जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हो गूगल इस के लिए आप से कोई भी चार्ज नहीं लेता है जब तक आप खुद अपना प्लान अपग्रेड नहीं करते हो।

Microsoft Cloud

माइक्रोसॉफ़्ट भी आप को अपनी सर्विस व अपने अप्प इस्तेमाल करने के लिए Rs.12100/-, 30 दिनो के लिए देता है जिस से आप माइक्रोसॉफ़्ट क्लाउड में 30 दिनो के लिए किसी भी अप्प को ट्राई या इस्तेमाल कर सकते हो।

HP Cloud

एचपी तो अपने क्लाउड को इस्तेमाल करने के लिए आप को पूरे 90 दिन (3 महीने) देता है, एचपी क्लाउड में आप बिना किसी समस्या के 90 दिनों तक इस के क्लाउड सर्विस को इस्तेमाल कर सकते हो मगर आप को हर महीने सिर्फ $100 का ही फ्री इस्तेमाल करने को मिलता है अगर आप ने इस से जादा की सर्विस इस्तेमाल कर दी तो उस का आप को भुगतान करना होता है।

Softlayer Cloud

Softlayer भी अपने क्लाउड कम्प्यूटिंग को 1 महिने के लिए आप को फ्री यूस करने के लिए देता है Softlayer एक वर्ड लेबल की होस्टिंग व डाटा सेंटर प्रदान करने वाली कंपनी है जो कि IBM की ही एक कंपनी है।

Amazon Cloud Storage

अमाजोंन ऑनलाइन प्रॉडक्ट बेचने वाली दुनिया की एक बड़ी कंपनी है वह ऑनलाइन शॉपिंग की सुबिधा के साथ साथ अपने ग्राहको को तीन महीने के लिए फ्री में क्लाउड स्टोरेज देता है जिस में आप अपने हर प्रकार के दस्तावेज़ रख सकते हो।

iCloud

Dell Cloud

Lenovo Cloud

Red Hat Cloud

इसी तरहा और भी बहुत सारी कंपनी है जो क्लाउड की सुबिधा दे रही हैं और भविष्य में और भी सुबिधाए आप को क्लाउड कम्प्यूटिंग द्वारा मिलती जाएँगी।

Windows XP, 7, 8 or 10 की Bootable Pen Drive बनाने का तरीका

आजकल Bootable Pen Drive से OS इन्स्टाल करना बहुत आसान हो गया है, इस का इस्तमल आप इन जगहो पर कर सकते हो ,   बहुत से सिस्टम ऐसे आ रहे है जिनमे कोई भी डीवीडी ड्राइव नहीं होती या कुछ सिस्टम या लेपटॉप ऐसे भी होते है जिनकी डीवीडी ड्राइव खराब हो गयी होती बिना डीवीडी वाले सिस्टम में अगर किसी को विंडो डालनी पड़ जाए तो बहुत से लोग ऐसा नहीं कर पाते क्युकी उन्हें मालूम ही नहीं होता कि बिना डीवीडी के भी पेन ड्राइव के द्वारा पीसी में विंडो इस्टाल की जा सकती है बस उनके बूट मेनू में USB वाला ओप्सन्स आना चाहिए अगर आप बिना डीवीडी के अपने सिस्टम में विंडो इस्टाल करना चाहते हो तो इसके लिए आपको एक पेन ड्राइव की जरूरत पड़ेगी और आपको उस पेन ड्राइव को बूटेबल बनाना होगा।
आज  मैं आपको एक ऐसा ही तरीका बताने वाला हूँ आज में आपको जो तरीका बताने वाला हूँ उसके द्वारा आप किसी भी विंडो जैसे Windows xp, Window 7, Windows 8, Windows 10 की बूटेबल पैन ड्राइव बना सकते हो और बूटेबल पेन ड्राइव बना कर आप बहुत ही तेजी से विंडो इन्स्टाल कर सकते हैं,  जो बूटेबल पेन ड्राइव के द्वारा विंडो इस्टाल करी जाती है उसकी स्पीड सीडी या डीवीडी के मुकाबले काफी तेज होती है
अगर आप भी बूटेबल पैन ड्राइव बनाना चाहते हो तो नीचे दिये गए सभी स्टेप्स को ध्यान से पढ़े ऑर समझें ।
  1. सबसे पहले इस लिंक से PowerISO Download करो, अगर आप का बर्तमान OS 32 bit या 64 bit है उसके हिसाब से ही Power IOS Download करें।
  2. इसके बाद Power ISO को इन्स्टाल करें।
  3. उसके बाद अपने desktop से PowerISO icon पर राइट क्लिक कर Run as Administrator पर क्लिक कर yes बटन को दबें। (नीचे दी गई फोटो  की तरह Continue Unregistered बटन पर क्लिक करें)
PowerISO
4.  Tool मेनू पर क्लिक कर Create Bootable USB Drive पर क्लिक करें। ( नीचे दी गई फोटो के सारे स्टेप्स ध्यान से पूरे करें)
Bootable-USB

5. 3 ऑप्शन पर क्लिक कर अपनी पहले से Save Operating System की ISO file को open करें उसके बाद Start Button पर क्लिक कर Creation Process को पूरा होने दें।
6. कुछ समय बाद आप के स्क्रीन पर Seccess full का ऑप्शन आएगा उसे OK करें बन गई आप की Bootable Pen Drive।

Original Windows 10 Download करें Microsoft की ही वैबसाइट से

दोस्तो आज मैं आप को माइक्रोसॉफ़्ट के Original Windows 10 Download करने के बारें में बताने जा रहा हूँ।  हर बार की तरहा इस बार भी माइक्रोसॉफ़्ट अपने windows 10 में बहुत सारे नए features लाया है, जिन लोगो को माइक्रोसॉफ्ट के नए ऑपरेटिंग सिस्टम विंडो 10 का इन्तजार है उन लोगो के लिए खुशखबरी है  माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी ने 29 जुलाई 2015 को अपने नए ऑपरेटिंग सिस्टम window 10 को लॉन्च कर चुका  है कम्पनी ने पहले इसका बीटा वर्जन जारी किया था जिसे आप अपने कम्प्युटर सिस्टम या लेप्टोप  में इस्टाल करके चला भी सकते हो जिन यूजर के पास पहले से window 7, window 8, या window 8.1, है वह मुफ्त में Window 10 को upgrade कर सकते हैं उस का उन्हे कोई भी शुल्क नहीं देना होगा। स
जैसे माइक्रोसॉफ़्ट पहले अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के दो version निकलता था इस बार भी उसने windows 10 के दो version ही निकले हैं, 32 Bit और 64 Bit।  विंडोज 8 के कई संस्करण अलग अलग डिवाइस पर इस्तेमाल किये जाते है window 10 आने से ये सभी डिवाइस खत्म हो जाएंगे क्युकी माइक्रोसॉफ्ट का यह दावा है कि उसका ये ऑपरेटिंग सिस्टम सभी विंडो पीसी, लेपटॉप, टैबलेट और फोन में काम करेगा इसके अलावा विंडो 10 के जितने भी एप्स होंगे वो सभी डिवाइस पर समान रूप से काम करेंगे।
तो चलिये जानते हैं की हम विंडोज 10 को कैसे माइक्रोसॉफ़्ट की ही वैबसाइट से डौन्लोड कर सकते हैं। Original Windows 10 Download करने के लिए यहाँ Click करें।
नीचे दी गई फोटो से अपने पसंदीदा version को डौन्लोड करें। पूरा डौन्लोड हो जाने के बाद उस को इन्स्टाल करें।
Download-Windows-10

Microsoft Media Creation Tool की पहली ही स्क्रीन से दूसरे ऑप्शन “Create installation media for another PC” को सिलैक्ट कर next बटन दबाएँ,

Windows-10-Media Creation Tool-first-option

दूसरी स्क्रीन से अपनी भाषा (Language), Edition और Architecture चुने।
तीसरी स्क्रीन से ISO File या डाइरैक्ट USB में कॉपी का ऑप्शन चुने। (मेरे हिसाब से आप को ISO file डौन्लोड चुनना चाहिये जिस से आप उस ISO फ़ाइल से कभी भी उसकी Bootable DVD या Pen Drive बना सकते हैं। )
चौथी स्क्रीन में आप की Windows 10 Download होनी शुरू हो जाएगी। और पाँचवी स्क्रीन में वह आप से Bootable DVD बनाने को कहेगा। आप चाहे तो अभी बना सकते है या बाद में भी बना सकते हैं।
वैसे तो Microsoft ने window 10 में कई सारे लेटेस्ट फीचर्स डाले हैं मगर उन में से एक Cortana है यह एक तरह का एप्स है जिसके द्वारा आप बोल कर अपने डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हो और उसे कोई भी कमांड दे सकते हो यह आपकी वेब गतिविधयों आपके कॉन्टेक्ट्स और दूसरी चीजो पर नजर रखता है ताकि आपको बेहतर सर्विस मिल सके window 10 में Cortana के द्वारा बहुत से काम बहुत ही आसानी से किये जा सकते है।
माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी ने अपने नए ऑपरेटिंग सिस्टम window 10 में एक बड़ा बदलाव भी किया है उसने अपने सबसे लोकप्रिय गैम कंसोल एक्सबॉक्स को window 10 के साथ जोड़ा है कम्पनी window 8 में भी ये सुविधा दे चुकी है लेकिन उसमे असली एक्सबॉक्स का मजा नहीं आता था
window 10 में एक्सबॉक्स का इनबिल्ट एप्स दिया गया है जिससे आप गैम खेल सकते हो और अपने दोस्तों को गैम खेलते देख भी सकते हो एक्सबॉक्स लाइव की मदद से आप किसी और डिवाइस पर गैम खेलने वालो के साथ जुड़ भी सकते हो
window 10 ने अपने नए ऑपरेटिंग सिस्टम में एक और फीचर्स जोड़ा है जिसका नाम है यूनिवसल सर्च जिसके द्वारा आप अपने तमाम एप्लीकेशन फाइल आदि को बहुत ही आसान रूप में सर्च कर सकते हो

अब वाई-फाई कनेक्ट होगा बल्ब से – Li-Fi high speed Internet

चाइना के वैघ्यानिकों ने एक शोध में पता लगा लिया है की एक माइक्रो चिप बल्ब १५० एमबीपीएस तक की स्पीड दे सकता है.  इसी तरह से एक वाट की ल इ डी  बल्ब चार कंप्यूटर को नेट से जोड़  सकती है. इस तकनीकि को “लाइ – फाई ” नाम दिया गया है. ये विज़िबल लाइट कम्युनिकेशन (VLC) के नाम से भी जाना जाता है.
इस साल, Fraunhofer हेनरिक हर्ट्ज संस्थान, ने  दावा किया की डेटा का इस्तेमाल करने के लिए  1Gbit / s प्रति एलईडी प्रकाश आवृत्ति के डेटा दरों प्रयोगशाला परिस्थितियों में संभव हो गया है, 3Gbit / s पर डेटा को प्रेषित की संभावित सक्षम तीन रंगों के साथ एक बल्ब बना रही है. ये तकनीकि मौजूदा वाई-फाई तकनीकि से अत्यधिक सस्ती होगी.
 Li-Fi
दृश्य प्रकाश विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम का हिस्सा है और रेडियो स्पेक्ट्रम से 10,000 गुना बड़ा है.
इसकी सबसे बड़ी कमी यह है की यदि प्रकाश बल्ब बंद तो  संकेत भी बंद.
हालांकि, यह  सुरक्षा बिंदु से एक लाभ भी है.  इसको हैक करना बहुत ही मुस्किल होगा.
रिपोर्ट कहती है की प्रोफेसर ची की शोध टीम चीनी विज्ञान अकादमी में तकनीकी भौतिकी के शंघाई संस्थान से वैज्ञानिकों में शामिल हैं,
वह प्रौद्योगिकी अपनी प्रारंभिक अवस्था में स्वीकार किया कि और यह बड़े पैमाने पर बाजार जाने से पहले ही माइक्रोचिप डिजाइन और ऑप्टिकल संचार नियंत्रण में आगे की घटनाओं की जरूरत है.
उन की टीम से शंघाई में चीन अंतर्राष्ट्रीय उद्योग मेले में LI-Fi किट का नमूना दिखाने की  उम्मीद कर  रही  है.

पैन कार्ड बनवाने के क्या-क्या फ़ायदे हैं?benifit of Pan Card

परमानेंट एकाउंट नम्बर (पैन) एक आइडी प्रूफ़ से कहीं अधिक है। पैन 10 अंकों का एक पहचान पत्र है। सीबीडीटी के सुपरविज़न में इनकम टैक्स विभाग पैन कार्ड जारी करने जिम्मेदारी उठाता है। आपके शायद कुछ लोगों यह जानकर हैरानी होगी कि वैलिड वीज़ा रखने वाले विदेश नागरिकों को भी पैन जारी किया जाता है। इसलिए पैन को नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं माना जाता है। यदि निवास पता (घर या ऑफ़िस का पता) बदल भी जाए तो पैन वही रहता है, उसमें कोई अंतर नहीं आता है। किसी व्यक्ति को जीवन में सिर्फ़ एक बार ही पैन जारी किया जाता है। यह ग्राहक और ख़रीददार के बीच हुए पैसे के लेन देन में पारदर्शिता रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आपने अभी तक पैन नहीं बनवाया है तो आपको नये पैन कार्ड के लिए आवेदन कर देना चाहिए। इस लेख में हम पैन कार्ड बनवाने के फ़ायदे जानेंगे –

पैन कार्ड बनवाने के फ़ायदे –

टैक्स से जुड़ी अनेक समस्याओं से बचने का एक मात्र हल हैयह सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं में एक पहचान पत्र के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। जिससे आपसे कोई आपकी आईडी के बारे में और कुछ नहीं पूछेगा।पार्ट-टाइम नौकरी करने वाले फ़िनांशियल ईयर के अंत में  इसके द्वारा अपना टीडीएस क्लेम कर सकते हैं।सभी सरकारी और निजी बैंकों में एकाउंट खोलने के लिए पैन कार्ड होना आवश्यक है।नए टेलीफ़ोन कनेक्शन लेने में भी काम आता है।क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए भी पैन कार्ड की ज़रूरत पड़ती है।दो पहिया वाहनों को छोड़कर बाकी सभी तरह के मोटर गाड़ियों को ख़रीदने या बेचने के लिए ज़रूरी है।अगर आप पोस्ट ऑफ़िस या बैंक में 50 हज़ार या अधिक रूपये जमा करते समय पैन की ज़रूरत है।होटल या रेस्टोरेंट में 25 हज़ार या अधिक रुपये का बिल एक मुश्त में चुकाते समय भी काम आता है।भारत सरकार द्वारा टैक्स चोरी रोकने के लिए पैन सेवा प्रारम्भ की गयी।

अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो इसके लिए आपको क्या करना चाहिए –

पैन कार्ड के लिए आवेदन करना आसान है। आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आपको बस फ़ॉर्म नम्बर 49a भरकर फ़ीस भरनी होगी। भारतीय डाक पता होने की स्थिति में फ़ीस 105 रुपये और विदेश पता होने पर 971 रुपये है। आप ऑनलाइन या ऑफ़लाइन फ़ीस भर सकते हैं।
एक शिक्षित नागरिक होने के कारण आपको पैन कार्ड बनवाना चाहिए। यह एक आईडी प्रूफ़ के रूप में ही नहीं बल्कि कई और तरीकों से आपके लिए फ़ायदेमंद होगा। इस प्रकार कह सकते हैं कि पैन कार्ड बनवाने के फ़ायदे ही फ़ायदे हैं।
आप पैन कस्टमर केयर सर्विस पर अधिक जानकारी ले सकते हैं।


नये या ड्यूप्लिकेट duplicate pen card पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कीजिए

नये या ड्यूप्लिकेट पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कीजिए

पैन कार्ड यानि पर्मानेंट अकाउंट नम्बर एक बहुत आवश्यक डॉक्यूमेंट है, इसलिए नहीं कि यह इनकम टैक्स फ़ाइल करने में काम आता है, बल्कि इसलिए भी कि यह पहचान पत्र भी है। इसलिए पैन कार्ड खोने से आपको बहुत टेंशन हो सकती है और नया कैसे बने इसकी चिंता सता सकती है। लेकिन आपको परेशान होने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि पुराने कार्ड को दुबारा पाना या नया पैन कार्ड अप्लाई करना बहुत ही आसान है। आप अपने कम्प्यूटर में कुछ क्लिक करके पैन कार्ड प्राप्त कर सकते हैं।

ड्यूप्लिकेट पैन कार्ड के लिए आवेदन के लिए जानकारी

1. इनकम टैक्स सर्विस (Income Tax Service Unit) के वेबसाइट पर जायें।
- https://tin.tin.nsdl.com/pan/ 2. इनकम टैक्स सर्विस की वेबसाइट पर नया पैन कार्ड बनाने और उसे ट्रैक करने सम्बंधित सभी जानकारियाँ रहती हैं। आप अपने पैन कार्ड को दुबारा प्रिंट करवा सकते हैं या उसमें हुई किसी त्रुटि को सही कर सकते हैं। आवेदक यानि आप अपनी आवश्यकतानुसार विकल्प का चुनाव कर सकते हैं।
3. यदि आप पैन कार्ड के लिए नया आवेदन कर रहे हैं तो आपको साइट पर दिया फ़ॉर्म 49ए (Form 49A) को भरना होगा। आप फ़ॉर्म 49ए (Form 49A) में माँगी गयी जानकारी को ऑनलाइन भरकर जमाकर सकते हैं।
4. पैन कार्ड का आवेदन करने के बाद आपको एक्नॉलेजमेंट नम्बर मिल जायेगा। आपको इसे प्रिंट करके अपने पास रख लेना चाहिए। ताकि भविष्य में पैन कार्ड सम्बंधित जानकारियाँ पुन: प्राप्त की जा सकें।
5. पैन कार्ड आवेदन फ़ॉर्म (PAN Card Application Form) को प्रिंट करके इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भेजना चाहिए। इस फ़ॉर्म के साथ आपको पहचान पत्र और घर के पते का प्रमाण भेजना होगा। ध्यान रखने की बात है कि आवेदन के समय भरा गया नाम सभी प्रमाण पत्रों और फ़ॉर्म 49ए (Form 49A) पर एक ही होना चाहिए।
6. आपको आवेदन फ़ॉर्म पर अपनी फ़ोटो चिपकाकर सभी चिह्नित स्थानों पर अपना हस्ताक्षर करना चाहिए। फ़ोटो नयी और स्पष्ट होनी चाहिए क्योंकि यही आपके पैन कार्ड पर छपकर आयेगी।
7. भारतीय नागरिकों (निवासी) के लिए पैन कार्ड आवेदन शुल्क मात्र रुपये 106 लिया जाता है। आप डिमांड ड्रॉफ़्ट, चेक, क्रेडिट या डेबिट कार्ड या फिर नेट बैंकिग द्वारा यह शुल्क जमा कर सकते हैं। यदि आप भारत के अतिरिक्त अन्य देश में रह रहे हैं तो आपको रुपये 986 शुल्क देना होता है।
डिमांड ड्रॉफ़्ट और ऑनलाइन पेमेंट दोनों ही मुम्बई में देय होता है।
शुल्क अदा करने के बाद आपको इसे एक्नॉलेज फ़ॉर्म के साथ शुल्क रसीद भी भेजनी होती है।
8. आइए एक बार आवेदन फ़ॉर्म के साथ-साथ क्या भेजना इसकी सूची बना लें –
– आवेदन फ़ॉर्म (नवीनतम फोटो चिपकायें और हस्ताक्षर करें)
– आवेदक के पते का प्रमाण
– आवेदक का पहचान पत्र
– ऑनलाइन शुल्क जमा करने की स्थिति में शुल्क रसीद अथवा डिमांड ड्रॉफ़्ट / चेक
आवेदन फ़ॉर्म एन. एस. डी. एल., पुणे (NSDL, Pune) को 15 दिन के अंदर अवश्य भेज देना चाहिए। लिफ़ाफ़े के ऊपर बड़े अक्षरों में “APPLICATION FOR PAN – Acknowledgement Number” लिखना अनिवार्य है।
9. ऊपर बताये गये बिंदु सरल हैं। पैन कार्ड का आवेदन करने से पहले आप साइट पर दी गयी जानकारी को अवश्य पढ़ लें क्योंकि उसमें स्पष्ट दिया रहता है कि आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है? एक्नॉलेजमेंट भेजने के बाद आप आवेदन की स्थिति जान सकते हैं।
पैन कार्ड आवेदन के लिए हिंदी दिशा निर्देश डाउनलोड करें।
- https://tin.tin.nsdl.com/pan/Guideline49A.pdf आवेदन की स्थिति ऑनलाइन, पत्र व्यवहार अथवा एस.एम.एस. द्वारा पता की जा सकती है। इसके लिए आपको एक्नॉलेजमेंट संख्या की आवश्यकता होती है।
ऑनलाइन आवेदन की स्थिति जानने के लिए यहाँ जायें।
- https://tin.tin.nsdl.com/pan/changemode.html एस.एम.एस. द्वारा आवेदन की स्थिति जानने के लिए 57575 पर आगे दिया एस.एम.एस. भेजें –
NSDLPAN एक्नॉलेजमेंट संख्या
10. पैन कार्ड पर छपी या अन्य सम्बंधित जानकारी को बदलने के लिए नये पैन कार्ड के समान के आवेदन की प्रक्रिया को ही दोहराना होता है। लेकिन आवेदन करते समय आपको “Changes or Correction in PAN details” का विकल्प चुनना चाहिए। माँगी समस्त जानकारी भरते हुए उपरोक्त सभी चरण पूरे करने होते हैं। पैन कार्ड में सुधार अथवा बदलाव के लिए साइट पर अलग से जानकारी व निर्देश दिये गये हैं। कृपया उन्हें पढ़ना न भूलें।
पैन कार्ड में सुधार अथवा बदलाव के लिए हिंदी दिशा निर्देश डाउनलोड करें।
- https://tin.tin.nsdl.com/pan/GuidelineCR.pdf


Hard disk हार्ड डिस्क से डेटा रिकवरी करें और डिलीट फ़ाइलें दुबारा पायें data recovery

कम्प्यूटर में डेटा का नुकसान (Computer data loss) तो किसी भी हो सकता है, चाहे किसी को कितना ही कम्प्यूटर आता हो, चाहे वह कितना ही समय-समय पर कम्प्यूटर डेटा का बैकअप (Regular data backup) लेता हो। साथ ही बैकअप लेने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी अगर कोई चीज़ है तो वह बैटरी बैकअप है। लेकिन इसमें कभी भी कोई ख़राबी आ सकती है जिससे कम्प्यूटर डेटा को सेव करने में चूक हो सकती है।
कम्प्यूटर डेटा का नुकसान होने पर डेटा रिकवरी सॉफ़्टवेयर (Data recovery software) के द्वारा उसे फिर से प्राप्त किया जा सकता है। आपको डेटा का नुकसान कई कारणों से हो सकता है, जैसे कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क काम करना बंद कर दे (Hard drive malfunctioning), डेटा करप्ट हो जाए (Corruption of data) या ग़लती से कोई ऐसी बड़ी फ़ाइल डिलीट हो जाए जो रिसाइक्ल बिन (Too big for Recycle bin) के लिए बहुत बड़ी हो।

यदि आप स्वयं को पहले से तैयार रखेंगे तो आप किसी भी बड़े नुकसान से बच सकते हैं और कम्प्यूटर डेटा का बैकअप (Backup computer data) आसानी से ले सकते हैं। इसके लिए बहुत छोटी सी तैयारी रखनी पड़ती है।


डेटा रिकवरी के लिए तैयार रहिए

Be Prepared For Data Recovery
डेटा का नुकसान होने पर उसे दुबार पाने के लिए आवश्यक है कि आप तैयारी रखें।
आज हम उन बातों की चर्चा कर रहे हैं जिनसे आप डेटा रिकवरी को सम्भव बना सकते हैं।
1. जब तक आप डेटा रिकवरी न कर लें तब तक अपने कम्प्यूटर का प्रयोग कम से कम करें। ऐसा करने से डेटा रिकवरी कर पाना बहुत हद सफल रहता है। कुछ अन्य बातें भी हैं जिनका आपको ध्यान रखना है:
– जिस हार्ड डिस्क से डेटा रिकवरी (Data recovery) करनी है उसमें कोई भी नया डेटा कापी न करें।
– इंटरनेट न चलायें क्योंकि ब्राउज़िंग या डाउनलोड होने वाला डेटा हार्ड डिस्क पर ही सेव (Save) होता है।
– ऐसे प्रोग्राम भी नहीं चलाने चाहिए जो हार्ड डिस्क स्पेस लेते हों।
– अपने कम्प्यूटर को रिस्टार्ट न करें (Don’t restart computer)।
2. डेटा रिकवरी शुरु करने से पहले हार्ड डिस्क में जगह बना लें। ऐसा करने से पुरानी सुरक्षित फ़ाइलें रिकवरी के समय ओवर राइट (Overwrite) नहीं होंगी। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
– जिनकी ज़रूरत नहीं है उन फ़ाइलों को डिलीट कर दीजिए या उन्हें दूसरी हार्ड डिस्क में सेव (Save) कर दीजिए।
– रिसाइक्ल बिन को ख़ाली कर दीजिए (ध्यान रखिए कि इस समय उसमें कोई काम फ़ाइल न चली गयी हो।)
– अपने इंटरनेट ब्राउज़र का कैश (Cache of browser) हटा दीजिए|
– डेटा रिकवरी सॉफ़्टवेयर को डेटा के नुकसान होने के बाद यदि इंस्टाल किया जाता है तो डेटा के ओवर राइट होने के चांस (Chance) सबसे अधिक होते हैं। लेकिन यदि आप सौभाग्यशाली हैं और आपका डेटा सुरक्षित है तो आपको डेटा के किसी नुकसान से पहले ही अपने कम्प्यूटर पर डेटा रिकवरी प्रोग्राम (Data recovery program) इंस्टाल कर लेना चाहिए। एक डेटा रिकवरी प्रोग्राम को आपके डेटा का अच्छा इंशोरेंस माना जाता है इसलिए जिस हार्ड डिस्क पर डेटा लॉस (Data loss) हुआ हो उस ये सॉफ़्टवेयर इंस्टाल नहीं करना चाहिए।
डेटा रिकवरी के लिए हार्ड डिस्क पर सॉफ़्टवेयर को कन्टेंट एनालाइज़ (let the program analyze the content) करने दीजिए और उसके बाद उन फ़ाइलों को चुनिए जिन्हें आप वापस पाना चाहते हैं। इसके बाद वह लोकेशन (Location) चुनिए जहाँ रिकवर की जाने वाली फ़ाइल को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त जगह हो क्योंकि प्राय: ऐसा देखा गया है कि रिकवर होने पर फ़ाइल का आकार उसके सामान्य आकार से बड़ा होता है यानि वह कम्प्यूटर हार्ड डिस्क पर पहले से ज़्यादा जगह घेरती है।
जिस हार्ड डिस्क से डेटा रिकवर किया जा रहा है उस पर रिकवर की गयी फ़ाइलों को नहीं रखना चाहिए। इसके लिए दूसरी कोई हार्ड डिस्क, एक्स्टर्नल हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव या नेटवर्क का प्रयोग करना चाहिए।
डेटा लॉस से पहले तैयारी रखना सदैव ही बुद्धिमत्ता है।

इस लेख से सम्बंधित प्रश्नों और सुझावों का हम स्वागत करते हैं।


साइट की रैंक बढ़ाने के लिए इन 5 बातों पर ध्यान दीजिए

आज के समय में सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन कुछ पेजों को किसी कीवर्ड के लिए सर्च में बढ़िया रैंक दिलाना भर नहीं है। समय के साथ एसईओ भी बदल जाता है, जिससे आपकी साइट सर्च इंजन में रैंक भी ऊपर नीचे होती है। साइट की रैंक बढ़ाने वाले कई तथ्यों और एल्गोरिद्म अपडेट के कारण ऐसा होता है। इसलिए ज़रूरी है कि आप एक अच्छे एसईओ एक्पर्ट के सम्पर्क में रहें जिससे आपकी साइट की रैंक सर्च इंजन में सदा सही जगह दिखती रहे।
आज हम आपको ऐसी 5 बातें बताने जा रहे हैं जो न केवल आपकी साइट की रैंक बढ़ाने में सहायता करेंगी बल्कि लम्बे समय तक आप सर्च इंजन में अपनी रैंक को स्थायी बनाए रख पाएंगे।

साइट की रैंक बढ़ाने के लिए ज़रूरी क़दम

1. 404 पेजों को इंबाउंड लिंक्स पर रिडायरेक्ट कीजिए

जब आप 404 पेजों को किसी अन्य लेख पर रिडारेक्ट कर देते हैं तो वह पेज अच्छी रैंक पा सकता है। अपनी साइट पर 404 पेजों की जानकारी प्राप्त करने के लिए कई टूल्स मौजूद हैं। 404 पेजों की सूची तैयार करके उन्हें सम्बंधित पेजों पर रिडायरेक्ट करवा दें। इस तरह से 404 पेजों तक आने वाला लिंक जूस आपके नए पेजों तक आ जाएगा जिससे उन पेजों की रैंक सुधर जाएगी।

2. अच्छी रैंक प्राप्त करने के लिए तैयार पेजों पर काम करें

अपनी उन पेजों की सूची बनाएंगे जो अच्छी रैंक पाने के बहुत क़रीब हैं और उन पर पूरी मेहनत से काम कीजिए। ये वे पेज हैं जो सर्च इंजन में दूसरे पेज पर होते हैं। आप अपनी साइट के सबसे प्रमाणिक पेजों की जानकारी कीजिए और इन पेजों पर जल्द ही रैंक करने वाले पेजों को लिंक कर दीजिए।

3. गूगल बिजनेस का प्रयोग कीजिए

जब किसी साइट या पेज को रैंक कराना चाहें जो गूगल बिजनेस का प्रयोग कर सकते हैं। इसलिए सही कीवर्ड का प्रयोग करके सही कैटेगरी में ज़रूरी साइटेशन (Citation) करना चाहिए। इससे साइट की रैंक बहुत तेज़ी बढ़ती है। कस्टमर रिव्यू भी प्राप्त करें तो और भी अच्छा है।

4. टाइटिल टैग्स को ऑप्टिमाइज़ कीजिए

आपने बहुत बार सुना होगा मगर यक़ीन जानिए टाइटिल टैग्स को ऑप्टिमाइज़ करना बहुत ज़रूरी है, ताकि आपकी साइट का हर पेज अच्छी रैंक पा सके। इसलिए कभी इस काम को करना मत भूलें।

5. रोबॉट्स.टेक्स्ट (Robots.txt) फ़ाइल सही करें

 कभी कभी हमें रोबॉट्स.टेक्स्ट फ़ाइल पर भी नज़र डालनी चाहिए और पता करना चाहिए कि कहीं कोई ज़रूरी पेज तो ब्लॉक नहीं हो रहा है। अगर आपको लगे कि कहीं कुछ ग़लत है और आप उसके बारे में ज़्यादा नहीं समझते हैं तो किसी एसईओ एक्सपर्ट की सलाह लीजिए।

एनसीईआरटी ईबुक्स क्लास 9-10, सीबीएसई बोर्ड हाई स्कूल बुक्स

सीबीएसई बोर्ड हाई स्कूल परीक्षा हेतु एनसीईआरटी ईबुक्स –

एनसीईआरटी ईबुक्स कक्षा 10 / NCERT Ebooks for Class 10

कक्षा 9 के छात्र नीचे दिए लिंक्स से किसी विषय की ईबुक्स डाउनलोड कर सकते हैं –
क्षितिज भाग – 2
स्पर्श भाग – 2
संचयन भाग – 2
कृतिका भाग – 2
गणित भाग – 2
विज्ञान भाग – 2
लोकतांत्रिक राजनीति भाग – 2
आर्थिक विकास की समझ भाग – 2
समकालीन भारत भाग – 2

एनसीईआरटी ईबुक्स कक्षा 9 / NCERT Ebooks for Class 9

कक्षा 9 के छात्र नीचे दिए लिंक्स से किसी विषय की ईबुक्स डाउनलोड कर सकते हैं –
क्षितिज भाग – 1
स्पर्श भाग – 1
कृतिका भाग – 1
संचयन भाग – 1
गणित भाग – 1
विज्ञान भाग – 1
लोकतांत्रिक राजनीति भाग – 1
अर्थशास्त्र भाग – 1
समकालीन भारत भाग – 1
भारत और सम्कालीन विश्व भाग – 1
यदि आप इन लिंक्स से ख़ुद को लाभांवित महसूस करते हैं तो अन्य दोस्तों के साथ इस कड़ी को शेअर कीजिए।

color कलर वोटर आईडी कार्ड के लिए ऑइलाइन आवेदन voter ID online registration

अब इंटरनेट यूज़र्स स्मार्टफ़ोन या लैपटॉप पर ही कलरवोटर आईडी कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यानि अब लम्बी लाइनों, ऑफ़िस के चक्कर और दलालों के कमीशन से छुट्टी मिल गयी। आवेदन करने के बाद आपको वोटर आईडी कार्ड आपके पते पर 1 महीने के अंदर भेज दिया जाएगा। अगर आप सोच रहे हैं कि यह काम आप इंटरनेट फ्रीक से करवाएँ तो उसकी कोई ज़रूरत नहीं है। यह काम बहुत ही आसान है और इसे आप सिर्फ़ 5 स्टेप्स में कर सकते हैं।

 कलर वोटर आईडी कार्ड के लिए आवेदन –

1. रजिस्ट्रेशन की शुरुआत करें

रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल नम्बर और पर्सनल ईमेल आईडी की ज़रूरत है, जिस पर चुनाव आयोग आपसे सम्पर्क में रहेगा। इसलिए किसी बाहर वाले का फ़ोन नम्बर और ईमेल आईडी देना सही नहीं होगा
कलर वोटर आईडी कार्ड के ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको चुनाव आयोग की साइट पर जाना होगा। जहाँ पर आपको नए रजिस्ट्रेशन का विकल्प मिल जाएगा।
http://www.nvsp.in/

2. रंगीन पासपोर्ट साइज़ फ़ोटो अपलोड करें

नए रजिस्ट्रेशन के लिए आपके सामने जो पेज खुलता है उसमें सही-सही जानकारी भरें, क्योंकि यह बहुत ही महत्वपूर्ण आईडी कार्ड है इसलिए भरी गई जानकारियों को दो बार पढ़कर ही आगे बढ़ें। ग़लत जानकारी देने के कारण आपको जेल हो सकती है। अगले चरण में आपको अपनी सफ़ेद बैकग्राउंड वाली कलर पासपोर्ट साइज़ फ़ोटोग्राफ़ अपलोड कीजिए।

3. ज़रूरत हो तो भरी गई जानकारी बदलें

जानकारी भरकर और फ़ोटो अपलोड करके फ़ॉर्म सेव कीजिए। लेकिन तीसरे चरण में आपको फ़ॉर्म में भरी गयी जानकारी सबमिट करने से पहले उसमें किसी बदलाव की छूट देता है। यह छूट आपको फ़ॉर्म भरने के अगले 15 दिनों तक मिलती है।
आवेदित वोटर आईटी कार्ड का एप्लिकेशन स्टेट्स को ऑनलाइन चेक करने की भी सुविधा है।

4. आईडी प्रूफ़ और एड्रेस प्रूफ़ अपलोड कीजिए

वोटर आईडी कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करते समय आपको अपनी आईडी और एड्रेस प्रूफ़ के तौर पर दो अलग-अलग डाक्यूमेंट अपलोड करने होंगे। इसके लिए आप आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, दसवीं की मार्कशीट, बर्थ सर्टीफ़िकेट, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक की पासबुक, बिजली, पानी, गैस या फ़ोन का बिल, इनकम टैक्स 16 आदि का स्कैन कापी का प्रयोग कर सकते हैं ।

5. डाक्यूमेंट का वेरीफ़िकेशन और वोटर आईडी कार्ड की डिलीवरी

एक महीने के अंदर आपके एरिया का बूथ लेवल ऑफ़िसर (बीएलओ) आपके पते पर आकर अपलोड किए गए डाक्यूमेंट की जाँच करेगा और उनकी फ़ोटोकापी साथ ले जाएगा।
इस सत्यापन प्रक्रिया के बाद एक माह बाद आपके घर पर कलर वोटर आईडी कार्ड भेज दिया जाएगा।


ब्लॉग डिज़ाइन में ये 5 गलतियाँ कभी न करें

जैसे ही आपके ब्लॉग पर कोई नया पाठक आता है तो वह सबसे पहले क्या देखता है? न तो वह आपके ब्लॉग का शीर्षक पढ़ता है और न ही वह ब्लॉग के सरल नेवीगेशन पर अपना ध्यान ले जाता है। कोई भी पाठक चाहे या न चाहे आपके ब्लॉग डिज़ाइन पर ही उसकी नज़र पड़ती है।
इस कारण से आपके ब्लॉग की डिज़ाइन नये पाठकों पर अपनी एक अलग छाप छोड़ती है। क्या आप अपने पाठकों के सामने अपने ब्लॉग डिज़ाइन को लेकर पहली ही बार में शर्मिंदा महसूस करना चाहेंगे? क्या आप सिर्फ़ इस वजह से पाठक खो देना चाहते हैं कि आपके ब्लॉग का डिज़ाइन अच्छा नहीं है? अगर आप ब्लॉगिंग आमदनी के लिए कर रहे हैं तो हर पाठक आपका ग्राहक है ऐसी सोच रखना ग़लत नहीं है। आपको अपने ग्राहकों लुभाने के लिए सुंदर और बढ़िया डिज़ाइन चुनना चाहिए। ब्लॉग डिज़ाइन में कभी भी कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। एक बेहतर ब्लॉग डिज़ाइन लम्बे समय तक पाठकों से आपके सम्बंध को बेहतर बनाती है।

ब्लॉग डिज़ाइन की 5 प्रमुख ग़लतियाँ, जो पाठक पसंद नहीं करते

आज हम ऐसी पाँच ग़लतियों की चर्चा करेंगे जिसके कारण आप नये पाठकों को अपनी ओर आकर्षित कर उन्हें अपना ग्राहक नहीं बना पाते हैं। हम यह बात आपको एक डिज़ाइनर की तरह न समझाकर सरल शब्दों में समझायेंगे।

महत्वाकांक्षी ब्लॉग डिज़ाइन

आप और आपके के ब्लॉग की डिज़ाइन बहुत रचनात्मक हो सकती है। लेकिन यह बात किसी पाठक को जताने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। ब्लॉग डिज़ाइन में बिना अर्थ के कुछ भी डालने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसी कोई डिज़ाइन तैयार कीजिए जिसे देखकर कहा जा सके – वाह क्या बात है?
प्रभावशाली ब्लॉग डिज़ाइन का अर्थ है जो आपके ब्लॉग और आपके व्यक्तित्व को दिखा सके। इसमें प्रभाव और सरलता दोनों होनी चाहिए अगर आप प्रोशनल ब्लॉगरों के ब्लॉग देखें तो उनके ब्लॉग सुंदर और व्यवस्थित होते हैं| उनके ब्लॉग का नेवीगेशन और साइडबार में किसी प्रकार की कमी नहीं होती है। जिससे पाठकों के सामने अधिक से अधिक सामग्री प्रस्तुत की जा सकती है।

अजीब दिखने वाली डिज़ाइन

यह बहुत सामान्य ग़लती है। इसमें आप अपने पाठकों के विषय में भूलकर अपने स्तर से ब्लॉग का डिज़ाइन प्रस्तुत करते हैं। औसत इंटरनेट उपभोक्ता न ही ब्लॉगर हैं और न ही ब्लॉग के डिज़ाइनर। ये सामान्य लोग हैं, जिन्हें हम चारों ओर देखते हैं। ये लोग सामान्य लोगों से एक चरण आगे एक इंटरनेट उपभोक्ता हैं। तो इनके बारे में कोई ग़लत धारणा बनाना कि इन्हें सब कुछ आता है या इन्हें कुछ नहीं आता, सही नहीं है। आपको ब्लॉग का डिज़ाइन सुंदर रखना चाहिए लेकिन यह इतना सरल हो कि कक्षा 5 का बच्चा भी इसे आसानी से समझ ले।

भड़कीले रंगों वाली ब्लॉग डिज़ाइन

भड़कीले रंगों वाली साइटें आकर्षक तो दिखती हैं किंतु एक वर्ग विशेष को ही पसंद आती हैं। हल्के रंगों वाले ब्लॉग डिज़ाइन इंटरनेट पर सबसे ज़्यादा पसंद किये जाते हैं। इसके लिए आप इंटरनेट सबसे अधिक पसंद किये जाने वाले ब्लॉगों के बारे में खोजकर उनके ब्लॉग डिज़ाइन का अध्ययन कर सकते हैं। इनमें हर किसी ने अलग-अलग रंगों को चुना होगा लेकिन तड़क-भड़क को बिल्कुल नहीं अपनाया होगा।

बहुत अधिक सजावट वाली ब्लॉग डिज़ाइन

ऐसे ब्लॉग डिज़ाइन में बहुत से वक्र (कर्व), रेखाएँ, बार्डर, चार्ट, चित्रों आदि का प्रयोग होता है। ब्लॉग डिज़ाइन को सरल और सुसज्जित होना चाहिए। ऐसी डिज़ाइनों में प्राय: ये ग़लती पायी जाती है कि ये पाठक को हर बताती हैं कि यहाँ जाइए या यहाँ आइए। पाठक को जहाँ आवश्यकता हो वहीं बतायें कि उसे कहाँ जाना चाहिए।

अनियोजित ब्लॉग डिज़ाइन

यह ब्लॉग डिज़ाइन सम्बंधित बहुत बड़ी ग़लती है। अनेक ब्लॉगर अपने ब्लॉग की डिज़ाइन तैयार करने से पहले कोई योजना नहीं बनाते हैं। वे ब्लॉग पर कहीं भी कुछ भी बिना आवश्यकता समझे जोड़ देते हैं। जिससे पाठक भ्रमित होकर ब्लॉग छोड़ देता है। पाठक भूल जाता है कि वह किस उद्देश्य से आपके ब्लॉग पर आया था। आप ऐसे अनेक ब्लॉग देखेंगे जो ठीक से न तो खुलते हैं और न ही उनमें आपके ज़रूरत की चीज़ सामने दिखती है। कुछ ब्लॉग तो बस यह दिखाने में लगे रहते हैं कि कितने लोग उनके दिवाने हैं पर ऐसा होता नहीं है। वो ईमेल से, फ़ोन से अपने मित्रों को कहकहकर फ़ॉलो या लाइक करवाते हैं। ऐसे ब्लॉगरों को पाठकों से ज़्यादा अपनी चिंता होती है।
ब्लॉग डिज़ाइन को लेकर हम आपको एक उदाहरण देते हैं। आज हिंदी ब्लॉग में यात्रा ब्लॉग जितने कम समय में लोकप्रिय हुआ है उसका अधिकतर श्रेय उसकी ब्लॉग डिज़ाइन को जाता है। इस ब्लॉग के संचालक श्री मनु त्यागी ने काफ़ी समय हमसे इसकी चर्चा की और हमने उन्हें ऐसा ब्लॉग डिज़ाइन उपलब्ध कराया जिसने यात्रा विवरण वाले ब्लॉगों में अपना प्रथम स्थान बना लिया। हम आशा करते हैं कि आप भी ऐसा कुछ कर पायेंगे।
आप इन ग़लतियों से बचिए और स्वयं से ज़्यादा अपने पाठकों की रुचियों और आवश्यकताओं का ध्यान रखिए।

एस.ई.ओ SEO में बैकलिंक backlinks क्या है और उसके फ़ायदे

आज हिंदी ब्लॉगर भी एसईओ पर चर्चा करते हुए बैकलिंक की बात करने लगे हैं। बहुत से नये ब्लॉगर अक्सर प्रश्न करते हैं कि बैकलिंक क्या है, उन्हें बैकलिंक / Backlinks कैसे मिल सकते हैं और बैकलिंक से उनके ब्लॉग को फ़ायदा है? यह लेख सभी हिंदी ब्लॉगरों एसईओ की अच्छी समझ पैदा करने उद्देश्य से दिया जा रहा है। मैं उम्मीद करता हूँ कि आप इस लेख को पढ़कर जान पायेंगे कि बैकलिंक क्या हैं और आपके ब्लॉग को कैसे अच्छी रैंक दिला सकते हैं?

बैकलिंक क्या है?

What is a backlink in SEO?
आसान शब्दों में कहूँ तो यदि कोई अन्य ब्लॉगर आपके ब्लॉग का लिंक अपने ब्लॉग पर लगाये तो यह आपके लिए एक बैकलिंक होगा। बैकलिंक का सर्च इंजन में बहुत महत्व है यदि किसी साइट या पेज के अधिक बैकलिंक हों तो सर्च इंजन ये समझता है कि वो साइट या पेज बहुत काम है और लोग उसे अन्य लोगों के साथ शेअर कर रहे हैं। पहले सर्च इंजन में टॉप पोज़िशन / Top position in search engine पर आने के लिए लोग अधिक से अधिक बैकलिंक हासिल करते थे। आज भी बैकलिंक का उतना ही महत्व है और यह आपकी साइट को अच्छी रैंक दिलाने और सर्च इंजन परिणाम में सबसे ऊपर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं।

बैकलिंक से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण शब्द –

Backlink and other related terminologies
१. लिंक जूस । Link Juice –
जब कोई साइट या वेबपेज आपकी साइट के किसी लिंक को Dofollow लिंक देता है तो वह अपनी साइट की रैंक को शेअर करता है, इसे लिंक जूस / Link juice देना कहते हैं। इससे आपकी साइट सर्च इंजन में अच्छी रैंक प्राप्त करती है और साथ ही डोमेन ऑथारिटी / Domain authority भी बढ़ती है। अगर आप किसी दूसरी साइट या वेब पेज को लिंक जूस नहीं देना चाहते हैं तो आप लिंक को Nofollow चिह्नित कर सकते हैं।
२. डूफ़ॉलो लिंक । Dofollow Link –
यदि आप किसी लिंक को Nofollow चिह्नित न करें तो वह एक डूफ़ॉलो लिंक ही होता है। सामान्यत: हम डूफ़ॉलो लिंक ही बनाते हैं।
३. नोफ़ॉलो लिंक । Nofollow Link –
जब आप किसी साइट पर भरोसा नहीं रखते हैं तो उसको दिये जाने वाले लिंक को नोफ़ॉलो टैग / Nofollow tag से चिह्नित कर सकते हैं। ऐसा करने से आप सर्च इंजन को बताते हैं कि वह इस लिंक को आपकी साइट पेज से लिंक जूस न दे। सामान्य तौर पर चाहे आप ब्लॉगर प्रयोग कर रहे हों या फिर वर्डप्रेस उनके कमेंट में दिये या प्रयोग किये जाने वाले लिंक पहले से ही नोफ़ॉलो चिह्नित रहते हैं ताकि कोई चाहकर भी आपकी साइट से लिंक जूस न पा सके।
४. लिंकिंग रूट डोमेन । Linking Root Domain –
किसी साइट के होम पेज या किसी अन्य पेज से एक बैकलिंक मिलने पर हम कह सकते हैं कि वह साइट आपके साइट या पेज को रूट डोमेन / Root domain से जोड़ रही है। यदि आपको किसी साइट से दो या अधिक बैकलिंक मिल रहे हों तो भी उसे रूट डोमेन से मिलने वाला एक लिंक ही माना जाता है।
५. इंटर्नल लिंक । Internal Links –
जब आप अपनी ही साइट के एक पेज का लिंक दूसरे पेज पर प्रयोग करते हैं तो उसे इंटर्नल लिंक / Internal link कहा जाता है। आज एसईओ में सर्च इंजन रैंक और पेज ऑथारिटी / Page authority आदि बढ़ाने के लिए इंटर्नल लिंक्स का महत्व और भी बढ़ गया है।
६. लो क्वालिटी लिंक । Low Quality Links –
ऐसी साइट जो बहुत कम गुणवत्ता वाली होती हैं और जो सिर्फ़ बैकलिंक की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से बनायी जाती हैं या फिर स्पैम या व्यस्क सामग्री वाली वेबसाइटों से मिलने वाले लिंक लो क्वालिटी वाले लिंक की श्रेणी में रखे जाते हैं। ऐसी साइटों से मिलने वाले लिंक सर्च इंजन में आपकी साइट की पोज़िशन बड़ी आसानी से नीचे गिरा सकते हैं। इसलिए आपको यह ज़रूर मॉनीटर करना चाहिए कि आपकी साइट की लिंक कहीं ऐसी साइटों पर तो नहीं जुड़ा है। अगर ऐसा हो तुरंत डिसावाव / Disavow करना चाहिए। डिसावाव पर हम बाद में चर्चा करेंगे।
डिसावाव का प्रयोग पूरी समझदारी से करना चाहिए, अन्यथा आपकी साइट कम भी हो सकती है।
७. ऐंकर टेक्स्ट । Anchor Text –
वह शब्द या वाक्य जिस पर कोई हाइपर लिंक जोड़ा जाता है, ऐंकर टेक्स्ट कहलाता है। एसईओ की दृष्टि से एक लिंक सही ऐंकर टेक्स्ट से जुड़ा होना चाहिए जिससे आप किसी तय कीवर्ड के लिए सर्च इंजन में अच्छी रैंक बना सकते हैं।

बैकलिंक से आपकी साइट को क्या फ़ायदा है?

How backlinks improve website SEO?
गूगल ने ब्लैक हैट एसईओ करके जल्दी सर्च इंजन में टॉप पोज़िशन पर पहुँचने की कोशिश करने वालों पर लगाम कसने के लिए पेंगुइन, पांडा, पीजन जैसी अनेक एल्गोरिद्म्स जारी की हैं। जो जानबूझकर रैंक बढ़ाने के लिए बनाये जाने वाले लिंक्स को पहचान कर आपकी साइट पर पेनाल्टी लगाता है और साइट को सर्च इंजन रिज़ल्ट्स बाहर कर देता है।
इसलिए ज़रूरी है कि आप अपने ही विषय से सम्बंधित साइटों से सही ऐंकर टेक्स्ट प्रयोग करके बैकलिंक प्राप्त करें। जैसे अगर आप विज्ञान विषय से सम्बंधित साइट चला रहे हैं तो आपको अन्य विज्ञान साइटों के पेज से लिंक लेने की कोशिश करनी चाहिए। ये भी ध्यान रहे कि गूगल जानबूझकर बनाये गये लिंक्स को आसानी से पहचान लेता है।
#१ ऑरगैनिक सर्च ट्रैफ़िक और रैंक बढ़ती है
Improve organic search engine traffic and ranking
जब आपकी साइट सर्च इंजन के हिसाब से सही ऑरगैनिक लिंक प्राप्त करती है तो सर्च इंजन एल्गोरिद्म्स आपकी साइट के पेजों को सर्च में ऊपर कर देते हैं और आपकी साइट पर सर्च इंजन से आने वाला ट्रैफ़िक बढ़ जाता है। आपको सिर्फ़ अपनी साइट के होमपेज के लिए ही नहीं बल्कि आपको अन्य पेजों के लिए बैकलिंक बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
#२ साइट और उसके पेज सर्च इंजन में जल्दी दिखते हैं
Website and their pages appear fast in search engines
यदि आपने नयी साइट बनायी है और आप चाहते हैं कि आपकी साइट गूगल में जल्दी दिखने लगे तो यह ज़रूरी है कि आप अपनी साइट के होमपेज के साथ-साथ अन्य पेजों के लिए बैकलिंक प्राप्त करने की कोशिश करें। तकनीकी भाषा में कहें तो बैकलिंक आपकी साइट और उसके पेजों की सर्च इंजन में अच्छी इंडेक्सिंग के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
#३ आपकी साइट को रेफ़्रल ट्रैफ़िक मिलता है
Your website receive referral traffic
जब कोई आपकी साइट का लिंक अपनी साइट पर लगाता है तो उसकी साइट के पाठक उस लिंक पर क्लिक करके आपकी साइट पर आते हैं, इस प्रकार मिलने वाले ट्रैफ़िक को रेफ़्रल ट्रैफ़िक कहते हैं। रेफ़्रल ट्रैफ़िक आपकी साइट का बाउंस रेट कम करने में पूरी सहायता करता है क्योंकि पाठक अपनी रुचि का कंटेंट पढ़ने आता है और आपकी साइट पर ज़्यादा समय बिताता है।

आपकी साइट को बैकलिंक कैसे मिल सकते हैं ?

How to create backlinks for your site?
मुझे लग रहा है कि अब आप बैकलिंक बनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन ध्यान रखें आपकी साइट को सिर्फ़ अच्छी और पुरानी साइटों से बैकलिंक मिलें। कोशिश कीजिए कि आप पेड बैकलिंक न लें क्योंकि अगर गूगल एल्गोरिद्म्स यह समझ गयी कि आपने पैसे खर्च करके बैकलिंक बनायें तो आपकी साइट पर पेनॉल्टी लग सकती है।
आप बड़ी आसानी से ख़ुद ही बैकलिंक्स बना सकते हैं – लोगों के सामने ऐसा कंटेंट प्रस्तुत करें कि वह उसकी चर्चा आपकी साइट का लिंक देकर करें। अन्य ब्लॉगों पर अतिथि लेखन करें और लेख में अपनी साइट का लिंक प्रयोग करें। अपने ब्लॉग और साइट का लिंक वेब डायरेक्ट्रीज़ में जमा करें। सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल बनाकर उसमें अपनी साइट का लिंक उसमें देंहालांकि नोफ़ॉलो लिंक का कम महत्व है लेकिन फिर भी आपको अन्य बढ़िया ब्लॉग और साइटों से बैकलिंक प्राप्त करने चाहिए। आशा है आप ब्लैक हैट तरीकों से बैकलिंक प्राप्त करके अपनी साइट को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहेंगे और व्हाइट हैट बैकलिंक प्राप्त करने की प्रयास करेंगे। आपको अनेकों शुभकामनाएँ।


यदि आपके मन में बैकलिंक से जुड़ा कोई सवाल है तो कमेंट करके ज़रूर पूछें।