किसी भी फोल्डर को My Computer बनाने का तरीका....


यह एक मजेदार ट्रिक है जो किसी भी फोल्डर को My Computer में बदल देता है!
बस आपको करना इतना है कि सबसे पहले एक New Folder बनाइये और उसको Rename कर निचे दिया गया Code Copy कीजिये और फोल्डर के नाम  में Paste कर दीजिये और Enter मारिये आप देखगे कि आपका फोल्डर My Computer में बदल गया होगा!
कोड यह है!

My Computer.{20D04FE0-3AEA-1069-A2D8-08002B30309d}


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अपनी Pen-drive के Background पर अपनी पसंद का वॉलपेपर लगाना......


आज मै आपको बताता हु कि कैसे आप अपनी Pen-drive के Background पर अपनी पसंद का कोई भी फ़ोटो, वॉलपेपर लगा सकते है!
सबसे पहली आप Notepad खोलिए और निचे दिया गया कोड उसमे कॉपी करके पेस्ट कर दीजिये!

[.ShellClassInfo]
IconFile=%SystemRoot%\system32\SHELL32.dll
IconIndex=127
ConfirmFileOp=0
[{BE098140-A513-11D0-A3A4-00C04FD706EC}]
Attributes=1
IconArea_Image=“YourPictureName.jpg”
IconArea_Text=”0xFFFFFF”
VeBRA sources – don’t delete the tag above, it’s there for XXXXX purposes -
[ExtShellFolderViews]
{BE098140-A513-11D0-A3A4-00C04FD706EC}={BE098140-A513-11D0-A3A4-00C04FD706EC}
{5984FFE0-28D4-11CF-AE66-08002B2E1262}={5984FFE0-28D4-11CF-AE66-08002B2E1262}
[{5984FFE0-28D4-11CF-AE66-08002B2E1262}]
PersistMoniker=Folder.htt
PersistMonikerPreview=%WebDir%\folder.bmp

अब Notpad कि फ़ाइल को desktop.ini नाम से डेस्कटॉप पर Save कर दीजिये इसके बाद जिस फ़ोटो, वॉलपेपर को आप अपना Background बनाना चाहते है उसको भी Desktop पर सेव कीजिये!
अब Notepad कि फ़ाइल को दोबारा से Open कीजिये और जहा IconArea_Image=“YourPictureName.jpg” लिखा हुवा है वहाँ अपने फ़ोटो या वॉलपेपर का नाम लिख दीजिये!
उदहारण के लिए जैसे आपकी इमेज का नाम vijay है तो आप IconArea_Image= vijay.jpg लिखकर सेव कर दीजिये!


अब आप Notepad कि फ़ाइल और अपनी इमेज को अपनी Pen-drive के अंदर कॉपी करके पेस्ट कर दीजिये और राईट क्लिक करके Refresh कीजिये बस आप दखेंगे कि आपकी Pen-drive का Background बदल गया होगा!

इसी तरह आप अपने My Computer कि Disk C, D, E, F का भी Background बदल सकते है!


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जानिए आपका कंप्यूटर Male है या Female.......


यह एक मजेदार और फनी ट्रिक है जिससे आपको पता चल जायेगा कि आपका कंप्यूटर Male है या Female इसके लिए बस आपको कुछ साधारण से स्टेप फॉलो करने होंगे!
सबसे पहले आपको Notepad खोलना है और निचे लिखा कोड कॉपी करके Notepad में पेस्ट करना है!
कोड यह है...

CreateObject("SAPI.SpVoice").Speak"i love you"

अब इस Notepad कि फ़ाइल को gender.vbs के नाम से सेव कर दीजिये! अब सेव कि गई फ़ाइल को खोलिए अगर आपको Female कि आवाज सुनाई देती है तो आपका कंप्यूटर Female और Male कि सुनाई देती है तो Male है न मजेदार ट्रिक....


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गूगल क्रोम के किसी भी पेज को सेव कीजिये पी.डी.एफ फाईल में....


अगर आप गूगल क्रोम चलाते है तो आप किसी भी डॉक्यूमेंट को PDF FILE में सेव कर सकते है!

कभी~कभी इंटरनेट पर काम करते~करते आपको बहुत सी महत्वपूर्ण जानकारियाँ मिल जाती है जिसे आप अपने पास सेव रखने की सोचते है इस  पोस्ट द्वारा आप ऑनलाइन किसी भी जानकारी को सेव कर सकते है!

गूगल क्रोम में जिस पेज की आप PDF FILE बनाना चाहते है सबसे पहले उस पेज की प्रिंट कमांड दीजिये जो आप (Ctrl+P) भी दे सकते है! प्रिंट कमांड  देते है

अब आपको Change बटन पर क्लिक करना है

अब आपको Save as PDF पर क्लिक कर देना है!

बस आपका काम खत्म सेव बटन पर क्लिक करना है और कुछ भी नाम देकर फाइल सेव कर देनी है!......


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हिंदी साहित्य, हिंदी कविताए एवं हिंदी कहानियो में रूचि रखने वाले लोगो के लिए एक बेहतरीन साईट..


हिंदी साहित्य, हिंदी कविताए एवं हिंदी कहानियो में रूचि रखने वाले लोगो के लिए एक बेहतरीन वेबसाइट है जिसमे प्रत्येक कवियों की कविताये, कहानिया का वर्णन है!
बच्चो के लिए भी अनेको प्रकार की कविताओ का वर्णन किया गया है! इस वेबसाइट पर जाने की लिया  

यहाँ क्लिक करे! 


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इंडिया में मौजूद जितने भी टोल-फ्री नंबर है यहाँ मिलेंगे आपको जैसे- बैंक, टेलीकॉम, हॉस्पिटल आदि!


आज इंडिया में जितने भी बैंक, डाकघर, हॉस्पिटल, टेलीकॉम कम्पनियाँ आदि मौजूद है इन सभी का अपना टोल-फ्री नंबर होता है जिसे जनता की समस्या सुलझाने के लिए रखा जाता है! इन टोल-फ्री नंबर पर निशुल्क बात करके आप अपनी समस्या का समाधान पा सकते है!

टोल-फ्री नंबर पाने के लिए आपको जाना है
http://www.1-800.in   पर जहां आपको सभी टोल-फ्री नंबर मिल जायेंगे!  


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क्या आप भी अच्छी इग्लिश बोलना चाहते है!


अगर आप भी चाहते है अच्छी इंग्लिश बोलना तो बस अब थोड़ी सी मेहनत करके आप अच्छी इंग्लिश बोल सकते है!
बस आपको जाना है इस वेबसाइट पर वेबसाइट पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करे!

इस वेबसाइट में ग्रामर एक्सप्लनेशन्स, ग्रामर एक्सरसाइजेज, डेली इंग्लिश लेसन, वोकैब्युलरी एक्सप्लनेशन्स आदि मौजूद है! जिससे आप आसानी से इंग्लिश बोलना सीख़ सकते है!  


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गूगल आप पर अपनी नजर कैसे रखता है

क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल आपकी हर एक गतिविधि से लेकर आपकी विचारधारा, संपर्क, पसंद नापसंद आदि के विषय में सब कुछ जानता है? आइए आज हम इसी पर चर्चा करते हैं कि गूगल ये सब कैसे करता है और इसका उसे क्या लाभ है? गूगल की अधिकतर सेवाएं नि:शुल्क हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

१. गूगल सर्च इंजन: इस दैत्याकार सर्च इंजन से शायद ही आजतक कोई बच पाया हो। यदि आप इंटरनेट पर भ्रमण करना चाहें तो बिना इस सर्च इंजन के शायद ही कभी कर पाएं। लेकिन एक बात बता दूं कि यह सर्च इंजन आपके द्वारा खोजे गए हर कीवर्ड और क्लिक की गई साइट के विषय में जानकारी एकत्रित करते रहता है ताकि यह आपकी रुचियों पसंद नापसंद को समझ सके।

२. यूट्यूब: दुनिया की सबसे बड़ी वीडियो साझा करने वाली सेवा यूट्यूब पर जो वीडियो आप देखते हैं, ग्राहकी लेते हैं या पसंद नापसंद करते हैं सबका लेखा जोखा गूगल रखता है।

३. क्रोम ब्राउजर: बताने की जरूरत नही कि यह ब्राउजर भी आपके द्वारा खोजी जा रही चीजों के विषय में गूगल को जानकारी भेजता रहता है।

४. एंड्रायड: यह स्मार्टफोनों में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है। यदि आपने भी इसका प्रयोग किया है तो आप जानते होंगे कि इसे प्रयोग करने का अर्थ है अपने सारे संपर्क, अपनी भौगोलिक स्थिति आदि सबके विषय में गूगल को जानकारी भेजना।

५. गूगल एडसेंस: यह गूगल की विज्ञापन सेवा है। जाहिर सी बात है विज्ञापन कोड जहां जहां लगा होगा वहां वहां आपकी उपस्थिति दर्ज की जाएगी और उसकी सूचना गूगल को भेजी जाएगी

६. गूगल एनालिटिक्स: इस सेवा के माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि आपकी साइट पर पाठकों के आवागमन की क्या स्थिति है। कब लोग अधिक आते हैं, किस स्थान से अधिक आते हैं आदि जानकारियां गूगल एनालिटिक्स आपको उपलब्ध कराता है। किन्तु जितनी जानकारी यह वेबमास्टर को उपलब्ध कराता है उससे अध क जानकारी यह गूगल को भेज देता है। गूगल एनालिटिक्स छिपे तौर पर चलता रहता है इसलिए आपको पता भी नही लगता कि आप पर नजर रखी जा रही है।

७. गूगल डीएनएस: यदि आप गूगल की कोई सेवा प्रयोग नही करते और केवल डीएनएस भर भी प्रयोग करते हैं तो आपके हर क्लिक की जानकारी गूगल तक पहुंच रही है। इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि आप किस ब्राउजर या सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर रहे हैं।

८. जीमेल: आपके द्वारा भेजी गई और प्राप्त होने वाली हर ईमेल को गूगल की मशीनें चेक करती हैं और उस हिसाब से विज्ञापन तय करती हैं।

९. गूगल प्लस: सोशल नेटवर्किंग साइट।

अब आप इस सूची को देखकर समझ ही गए होंगे कि गूगल की नजरों से बचना मुश्किल ही नही नामुमकिन है। तो फिर गूगल आख्रिर इस सारे डाटा का करता क्या है? उत्तर है आपकी रुचियों और व्यवहार को जानकर आपको उसी हिसाब से विज्ञापन दिखाता है और इन विज्ञापनों से पैसे कमाता है। यही है पूरा फंडा। यही नही बल्कि ऐसा भी सुनने में आया है कि अमेरिका की सरकार भी बेहद खूफिया तरीके से इसके माध्यम से लोगों पर नजर रखती है।

तो इससे बचें कैसे? वैसे तो आप इससे पूरी तरह नही बच सकते हैं। हां फिर भी आंशिक रूप से संभव है कि आप चाहें तो गूगल को अपने बारे में सारी जानकारियां न दें।

इसका सीधा तरीका यह हो सकता है कि आप सारी जरुरतों के लिए एक ही कंपनी पर निर्भर न हो जाएं। मसलन आप ईमेल के लिए अलग और सर्च के लिए अलग सेवा इस्तेमाल कर सकते हैं।
कोशिश करें कि जब आप गूगल में खोज कर रहे हों तब लॉग आउट हों। हलांकि गूगल तब भी आपके बारे में जानकारी एकत्रित करते रहता है पर फिर भी आपकी पहचान गुप्त रहती है।
नियमित रूप से कुकीज आदि को मिटाते रहें|
एडब्लॉकर आदि का प्रयोग करें ताकि वो विज्ञापनों को अपने आप हटा दे।
गूगल एनालिटिक्स से बचना है तो एक ब्राउजर एक्सटेंशन उपलब्ध हैं जिनसे एनालिटिक्स की स्क्रिप्ट अक्षम हो जाती है और गूग ल नें ही उपलब्ध कराया है: https://tools.google.com/dlpage/gaoptout
गूगल डीएनएस के स्थान पर ओपेन डीएनएस या फिर अपने इंटरनेट सेवाप्रदाता द्वारा दिए गए किसी डीएनएस का प्रयोग कर सकते हैं।
कम से कम अपनी वेबसाइट में गूगल एनालिटिक्स के स्थान पर पिविक मुक्त स्रोत एनालिटिक्स का प्रयोग कर सकते हैं।
ईमेल के लिए भी खुद ही वेबहोस्टिंग कंपनी से अपने डोमेन पर ईमेल आईडी ले सकते हैं।
चिट्ठे आदि लिखने का शौक है तो बजाए ब्लागर का प्रयोग करने के अपनी वेबसाइट शुरू करें और उसमें वर्डप्रेस स्थापित करके ब्लाग लिखें।


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मोबाइल पर वायरस की घंटी

कंप्यूटर और लेपटोप जेसे हेवी डिवाइस अब दूर होते जा रहे हे ! यूजर अपनी इन्टरनेट की जरुरतो को स्मार्टफोन से पूरा कर रहे हे ! यही कारण हे की गेजेट्स पर वायरस अटेक तेजी से बड रहे हे ! इस समस्या से बचने के लिए स्मार्टफोन को कम्पलीट प्रोटेक्शन की जरुरत हे ! में आज आपको बताता हु की एंड्राइड और other मोबाइल में कोण कोण से कॉमन वायरस हे और उनको दूर करने के लिए क्या किया जा सकता हे और यह वायरस कहा से आते हे !

१.मोबाइल के कॉमन वायरस
Android.boxersms, android ginger master, android.airpush(adware), android.leadbolt(ADWARE), android.kamin, android.basebridge, android.ksapp, android.plankton(adware), w32.sality.u, w32.ramnit.a, worm.vb.ha, 32.xpaj.c.

2.मोबाइल पर वायरस, ऐसे चलेगा पता
१.यदि स्मार्टफोन लगातार हेंग होता हे !
२.इन्टरनेट बैंडविड्थ इनक्रीज होती हे !
3.उम्मीद से जयादा मंथली बिल आने पर !
४.प्रीमियम नंबर पर ओटोमेटिकली कॉल या sms चला जाता हे !
५.जयादा प्रमोशनल मेसेज आने पर !
6.अनवांटेड चेट रिक्वेस्ट आने पर !
७. ओटोमेटिकली नेट  कनेक्ट होने पर !

3. करे स्मार्टफोन को प्रोटेक्ट
१.मोबाइल सिक्योरटी सॉफ्टवेर इनस्टॉल करे २.अनोफ्फिसिअल वेबसाइट से फ्री एप्प डाउनलोड न करे !
3.गूगल प्ले या ओफ्फिसिअल वेबसाइट से ही एप्प डाउनलोड करे !
४.पायरेटेड की जगह लाइसेंस वाले सॉफ्टवेयर use करे !
५.उन एप्प को डिलीट करते रहे जिनकी आपको जरुरत ना हो !
6.सिक्योरटी सॉफ्टवेयर को लगातार अपडेट करते रहे !

उम्मीद करता हु की इन उपाय को अपनाकर आप अपने स्मार्टफोन को वायरस से बचा सकता हे क्योकि सुरक्षा तो आपके हाथ में हे !अगर यह पोस्ट आपके लिए फायदेमंद रही हो तो अपने विचार दे और इस ब्लॉग से जुड़े !


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ऑडियो और विडियो के किसी भाग को अलग करे....vlc मीडिया प्लेयर में

कभी किसी फिल्म या विडियो को देखते हुए या कोई सोंग्स सुनते हुए हमें उसका कुछ भाग अच्छा लग जाता हे, और हमारे मन में आता हे की काश हम इसे अलग से सुन पाते और इसी फ़िराक में वो ऑडियो और विडियो कटर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हे ! कुछ लोगो को तो यह सॉफ्टवेयर समझ में आ जाते हे, तो कुछ लोग इसे समझ नहीं पाते हे, और किसी सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करना और उसे इनस्टॉल करके हार्ड डिस्क को भरना...अच्छा नहीं लगता हे !
इसलिए में आज आपको vlc मीडिया प्लेयर में अपने पसंद के ऑडियो और विडियो को अलग करने की ट्रिक बताता हु ! वेसे भी vlc मीडिया प्लेयर तो सबके पास होता हे क्योकि सबसे बेस्ट प्लेयर यही हे ! इसके लिए किसी जयादा तकनिकी ज्ञान की भी जरुरत नहीं हे, बस में आपको जो स्टेप बताता हु उनको फोलो करे, आपका काम हो जायेगा !
यु करे ऑडियो और विडियो को अलग
१. सबसे पहले vlc मीडिया प्लेयर को ओपन करे, और उसमे कोई सा भी सोंग या विडियो चलाये और उसे रोक दे ! इसके बाद view पर क्लिक करे, व्यू पर क्लिक करने के बाद advanced controlsपर क्लिक करे !

२. उसके बाद गाने को प्ले करे और जंहा से गाना काटना शुरु करना हो वंहा लाल रंग के बटन पर क्लिक कर दे और जंहा तक गाने को रखना हे वंहा वापिस लाल रंग के बटन पर क्लिक कर दे ! इतना करते ही आपका गाना या विडियो कट हो जायेगा!

3. अब इस गाने को देखने के लिए आपको my document में जाना होगा ! अगर आपके पास में विंडो 7 हे तो वंही right side में music और videos का आप्शन आएगा ! अगर आपने ऑडियो को अलग किया हे तो music पर क्लिक करे और अगर आपने विडियो को अलग किया हे तो videos पर क्लिक करे ! वंहा आपको अपना पसंद का कट किया हुआ गाना या विडियो मिल जायेगा !


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पोर्टेबल सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने की एक मजेदार वेबसाइट...(portable software)

पोर्टेबल सॉफ्टवेयर वे सॉफ्टवेयर होते हे, जिन्हें कंप्यूटर में इनस्टॉल करने की जरुरत नहीं होती हे ! और यह हमारी हार्ड डिस्क में भी जगह नहीं घेरते हे ! इन्हें हम pendrive में रखकर कंही भी ले जा सकते हे, और इनका उपयोग कर सकते हे !इन्टरनेट जगत में ऐसी कही वेबसाइट हे जो आपको पोर्टेबल सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने की सुविधा देती हे ! आज इसी कड़ी में, में आपको एक ऐसी ही वेबसाइट के बारे में बता रहा हु जंहा से आप पोर्टेबल सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर सकते हे !

 http://www.lupopensuite.com/collection.htm 


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आप भी बना सकते हे खास एप्प (app dovelpment)

आपके पास दमदार आइडिया हे पर तकनिकी जानकारी नहीं हे तो भी आप आसानी से एप्प बना सकते हे ! में आज आपको ऐसी ही कुछ वेबसाइट के बारे में बता रहा हु जंहा से आप आसानी से एप्प बना सकते हे और उन्हें विकसित कर सकते हे !
1. http://adobe.com/products/flash-builder.html

2. http://genwi.com/

3. http://shoutem.com/

4. http://myappbuilder.com

इन वेबसाइट पर जाकर आप अपना मनपसंद एप्प बना सकते हे और उन्हें अपलोड कर सकते हे ! यंहा आप हर फोन के लिए एप्प बना सकते हे !
इन एप्प को बनाने के लिए इनकी जरुरत पड़ेगी

१. एंड्राइड पर चलने वाले एप्प विकसित करना चाहते हे तो यह फ्री सॉफ्टवेयर dovelpment किट डाउनलोड करे  

 http://developer.android.com/sdk/index.html 


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जावा, php के कोड, और कई सारी भाषाये सीखे इन इन तीन वेबसाइट से

दोस्तों में पहले भी कही सारी वेबसाइट बता चूका हु मेने अपने ब्लॉग पर जितने ट्रिक्स और सॉफ्टवेयर नहीं दिए हे उस से जयादा वेबसाइट बताई हे क्या करू मिलता भी यही हे ! आज में आपको तीन काम की वेबसाइट बता रहा हु !१. जावा, php आदि भाषा के कोड सीखे

इस वेबसाइट से आप इन भाषाओ के कोड सिख सकते है !

http://www.codecademy.com

२. कई सारी भाषाये सीखे इस वेबसाइट से

http://www.openculture.com/


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इस ट्रिक से अपने निम्न प्रोसेसर को उच्च दिखाएँ

हम में से ज्यादातर लोग प्रोसेसर , रैम आदि

का पता "My Computer Properties" या फिर "System
Information" के द्वारा लगाते हैं पर दोस्तों केवल इसी को देख कर
कंप्यूटर न खरीदे, जिस व्यक्ति से आप कंप्यूटर खरीद रहे हैं उससे बिल
अवश्य मांगें।

मैं यहाँ आप को एक ट्रिक बता रहा हूँ जिसके जरिए कोई अपने निम्न
प्रोसेसर को उच्च बता सकता है। ट्रिक ये है -

START > RUN > यहाँ लिखें REGEDIT >
HKEY_LOCAL_MACHINE > HARDWARE > DISCRIPTION > SYSTEM >CENTRALPROCESSOR > 0

अब सीधे हाथ (Right Hand ) की तरफ "PROCESSOR NAME
STRING" पर क्लिक करें और यहाँ जिस प्रोसेसर का नाम देना चाहें दे
सकते है (उदा. के लिए Intel(R) Pentium(R) Dual CPU T2330 @
1.60GHz की जगह Intel® Core™ i3-330M Processor @
2.13Ghz ; अब समझे कैसे बनते हैं उल्लू ? इस उदा. में कौनसा
प्रोसेसर कौनसा बना दिया है)

इसके बाद आप "My Computer Properties" को खोल के देखें आपको
आपके प्रोसेसर का नाम बदला हुआ मिलेगा।


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सिर्फ एक बार करके दिखा दीजिए कोई काम, फिर स्वतः ही करता रहेगा ये टूल आपके लिए वही काम(ऑटोमेशन)

हाँ हाँ MS-Office Excel में तो आपने सुना होगा "Macro" के बारे में, इसको देखकर आपके मन में ये जरूर आया होगा, "काश ये सभी कामो(Excel के अलावा भी) के लिए होने लगे

,बस एक बार रिकार्ड (करके दिखा दो) कर दो, फिर स्वतः काम होता रहे जैसे जीमेल चेक करना, डेटा बेक-अप लेना, किसी साईट्स से डेटा कॉपी पेस्ट करना इत्यादि इत्यादि|
मुझे भी इसकी जरूरत महसूस हुई थी | ढूढा तो मिला Do it Again

ये एक ऑटोमेशन सोफ्टवेयर है, जो आपके द्वारा किये गए टास्क (माउस क्लिक, कीबोर्ड इंट्री आदि) को रिकार्ड करता रहता है, और जब इससे यही काम दोबारा से करने को कहा जाता है तो ठीक उसी प्रकार जैसे आपने किया था करने लगता है |
आप कोई काम कितने बार रिपीट करवाना चाहते है ये सुविधा भी है साथ ही काम की स्पीड भी बढ़ा सकते है |

इसके अलावा बहुत सारे इसी तरह के ऑटोमेशन सोफ्टवेयर मौजूद है , पर ये बिलकुल फ्री है | चलो फिर भी कुछ का नाम मैं यहाँ बताये देता हूँ |

AutoIt   3.2.10.0
WinMacro   v1.2.1
Mouse Recorder   2.1
MacroMaker 1.0.3.1

मेरी सलाह है एक बार इसे यूज करके जरूर देखो ..

 Do It Again 


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ई-बुक पढने का एक नया अनुभव ..ठीक जैसे आप कोई पुस्तक हाँथ में पकड़कर पढ़ रहे हों ..[सोफ्टवेयर]

कहते हैं कि किताबें ही आदमी की सच्ची दोस्त होती हैं, जमाना बदल रहा है ..लोगों के पास समय की कमीं होती जा रही है | किताबों को पढने का भी तरीका परिवर्तित हुआ है | अब जामना डिजिटल है तो किताबें भी डिजिटल हुईं ..जिन्हें हम “ई-पुस्तक(ई-बुक)”  कहते हैं ..पर आमतौर पर लोगों की शिकायत रही है कि कंप्यूटर पर किताबें पढने में वो मज़ा कहाँ ? …मैं भी सहमत हूँ |

पर आपकी राय बदल जायेगी ..हाँ हाँ …एक ऐसा ई-बुक रीडर जो आपको ठीक वैसा ही अनुभव देगा . जैसे कि आप कोई पुस्तक अपने हांथों में पकड़कर पढ़ रहे हों |
हाँ हाँ मैं ..सोफ्टवेयर की ही बात कर रहा हूँ …किसी हार्डवेयर  डिवाईस (किंडल, पाई ) की नहीं ..जो काफी आम आदमी के लिए महंगें हो सकते है , जबकि ये सोफ्टवेयर बिल्कुल फ्री है

1) अब तक आपने जितने ई-बुक रीडर सोफ्टवेयर इस्तेमाल कियें हैं, उन सबसे इसका इंटरफेस और लुक बिल्कुल अलग मिलेगी |

2) यहाँ आप वैसे ही पन्ने पलट सकते है ..जैसे किसी वास्तविक पुस्तक के, साथ ही क्षैतिज, सीधे,स्लाईड ,थम्बनेल,आदि में तो देख ही सकते है |

3) इसे आप अपने माउस(Mouse) से ही पूरा कंट्रोल कर सकते है , कीबोर्ड शोर्टकट कीज भी है |

4) टचस्क्रीन सपोर्ट कर सकता है | तो हो गया ना फ्री का आमेजन किंडल |

5) Martview.com  से आप फ्री में ई-बुक भी डाउनलोड कर सकते है, साथ की अपनी बुक बनाकर अपलोड कर सकते है |

  


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कंप्यूटर में लगाये स्मार्टफोन जेसा पिक्चर पासवर्ड

डेस्कटॉप पे पुराने ज़माने का पासवर्ड क्यों लगाये ! अब आप भी अपने लेपटोप या डेस्कटॉप पे स्मार्टफोन जेसा पिक्चर पासवर्ड लगा सकते हे ! लेपटोप में टचस्क्रीन नहीं होने के कारण आप माउस का इस्तेमाल कर सकते हे ! इसका एक फायदा यह भी हे की यदि आप पैटर्न पासवर्ड भूल गए हे तो भी आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं हे क्योकि पासवर्ड को भूलने की कंडीसन में स्क्रीन को ओपन करने के लिए आप एक खास पिन नंबर का भी इस्तेमाल कर सकते हे ! इन्टरनेट पर यह सॉफ्टवेर फ्री में उपलब्ध हे और इसकी साइज़ भी कम हे मात्र ५.५ mb !
वेबसाइट पे जाना होगा

 http://vaptim.com/picword/index.html 


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आईपी टीवी का दौर

अभी बाजार में डाइरेक्ट टू होम यानी डीटीएच के क्षेत्र में दो खिलाडियों के बीच घमासान देखने के मिलने वाला था कि अब आईपीटीवी ने भी भारतीय बाजार में दस्तक दे दी है। अब आपको न तो केबल कनेक्शन लेने की जरूरत है न ही डीटीएच उपकरण पर कोई राशि खर्च करने की। आपको पास अगर बेसिक टेलीफोन की लाइन है तो इसके उपर ही आपको टेलीविजन देखने को भी मिल सकेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि आप टेलीफोन पर बातें भी कर सकेंगे साथ ही टीवी भी देख सकेंगे। यानी एक ही तार से टीवी और टेलीफोन दोनों ही चलेंगे पर किसी भी सिस्टम में कोई व्यावधान नहीं पैदा होगा। ब्राडबैंड टेलीफोन के साथ आपको इंटरनेट चलाने की सुविधा को प्राप्त होगी ही। इसका मतलब यह हुआ कि एक ही तार पर टेलीफोन इंटरनेट और केबल टीवी का सपना अब मूर्त रूप ले चुका है। इसके साथ ही सेटेलाइट चैलनों को अब टीवी पर प्राप्त करने के लिए तीन अलग अलग विकल्प सामने आ गए हैं। केबल टीवी डीटीएच और आईपीटीवी।

आईपीटीवी के फायदे - आईपीटीवी यानी इंटरनेट प्रोटोकाल टीवी के केबल या डीटीएच की तुलना में कई फायदे हैं। सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि इसके लिए आपको केबल पर अलग से कोई राशि खर्च करने की कोई जरूरत नहीं है। न ही केबल के लिए घर में अलग से कोई वायरिंग कराने की जरूरत है।

जब चाहें देंखे प्रोग्राम- किसी भी सेटेलाइट चैनल पर आने वाले कार्यक्रम को अपने पसंदीदी समय पर आईपीटीवी पर देखा जा सकता है। जैसे मान लिजिए सोनी पर कोई कार्यक्रम प्रसारित होता है जिसे आप दफ्तर में होने के कारण नहीं देख पाते। आईपीटीवी पर आप उस चैनल की सूची में जाकर पिछले एक हप्ते में प्रसारित किसी भी कार्यक्रम को देख सकते हैं। उसे अपनी पसंद के अनुसार समय पर प्ले कर सकते हैं। यह एक विशेष सुविधा है जो अभी तक केबल टीवी पर उपलब्ध नहीं थी। अब आपको इस बात का कोई संकट नहीं है कि आपका पसंदीदा धारावाहिक छूट गया। आप उसे अपने समय के अनुसार ट्यून कर सकते हैं।
वीडियो आन डिमांड – आईपीटी पर आप अपने पसंद के कार्यक्रम को डिमांड करके मंगा सकते हैं। यह एक वैल्यू एडेड सर्विस होगी जिसके लिए आपको अलग से भुगतान करना होगा। आईपीटीवी पर दिखाए जाने वाले चैनलों की प्रसारण क्वालिटी भी डिजिटल है यानी केबल टीवी से बेहतर।

वाजिब दाम पर – फिलहाल आईपीटीवी की सुविधा उपभोक्ताओं को वाजिब दाम पर ही उपलब्ध कराई जा रही है। दिल्ली में एमटीएनल ने इसके लिए 135 रुपए मासिक शुल्क रखा है जबकि मुंबई में इससे कुछ ज्यादा है। डिश टीवी और टाटा स्काई डीटीएच की सेवाएं भी 180 और 200 रुपए मासिक की शुल्क पर उपलब्ध हैं। एमटीएनएल आईपीटीवी पर फिलहाल 24 टीवी चैनलों के सिग्नल उपलब्ध करा रही है। पर जल्द ही वह 100 से अधिक चैनल उपलब्ध कराएगी। यानी जो लोग एमटीएनएल का ब्राडबैंड कनेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं उन्हें अलग से डीटीएच के लिए इन्वेस्ट करने की कोई जरूरत नहीं है। एमटीएनएल ने यह सेवा दिल्ली व मुंबई में निजी कंपनियों की सहायता से आरंभ कि है जो उसे तकनीकी सहायता उपलब्ध करा रहे हैं। एमटीएनल उपभोक्ताताओं के बीच आईपीटीवी की मार्केटिंग कर रही है व बिल वसूली की जिम्मेवारी निभा रही है। हो सकता है दूसरे बेसिक फोन आपरेटर भी आने वाले दिनों में यह सुविधा उपलब्ध कराएं।


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