चांद पर करंट! जीवन की खोज में मुश्किल

चांद के ध्रुव पर बने गहरे गड्ढों में बिजली की लहर दौड़ रही हो। यह दावा
किया है नासा ने। ये वही केटर हैं जिनमें बफीर्ला पानी खोजा गया था। इन क्रेटरों में दौड़ रहा सैकड़ों वोल्ट का करंट पानी के अणुओं को नुकसान पहुंचा सकता है और इस तरह चांद पर जीवन की खोज के हमारे अभियान में अनजाना मोड़ आ सकता है।
नासा के वैज्ञानिकों की यह खोज जरनल ऑफ फिजिक्स में छपी है। इसमें बताया गया है कि चांद की ऊबड़-खाबड़ सतह पर चलने वाली सोलर विंड या सौर हवा की वजह से लूनर क्रेटर में करंट पैदा हो जाता है। इस सोलर विंड में नेगेटिव चार्ज वाले इलेक्ट्रॉन और पॉजिटिव चार्ज वाले आयन्स होते हैं।
सूरज की तुलना में चांद की स्थिति कुछ ऐसी है कि सोलर विंड चांद के ध्रुवों के ऊपर लगभग क्षैतिज होकर बहती है। कंप्यूटर मॉडल पर वैज्ञानिकों ने देखा कि अगर नेगेटिव इलेक्ट्रॉन और पॉजिटिव आयनों वाली सोलर विंड जब चांद के ध्रुवों पर मौजूद केटरों के ऊपर से गुजरेगी तो वह क्रेटर की दीवारों पर इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा करती हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह चांद पर भेजे जाने वाली मशीनों को भयानक ठंड के अलावा इस इलेक्ट्रिक चार्ज का भी सामना करना होगा। इस चार्ज की वजह से मशीनें शॉर्ट हो सकती हैं। इसकी वजह से धूल के कण भी आवेशित होकर रोबॉट और दूसरी मशीनों में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। सबसे अहम बात यह है कि ये कण अंतरिक्षयात्रियो के फेफड़ों में बैठकर उनके लिए भारी मुसीबत बन सकते हैं।



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