आइये जानते हैं अल्ट्रा एचडी टीवी के बारे में

सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरी हर चंद कोशिश रहती है, कि आपको नित नई एंव उपयोगी जानकारियां अपने इस ब्लॉग के माध्यम से मिलती रहें। इसी क्रम में आज की पोस्ट में मैं आपको जानकारी दूँगा। 'आइये जानते हैं नए जमाने के नए अल्ट्रा एचडी टीवी के बारे में' टेलीविजन और इंटरनेट के जन्म के बाद बीते तीन दशक के दौरान इनमें काफी बदलाव हुए हैं। टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट, लैपटॉप या मोबाइल की स्क्रीन पर दिखने वाले वीडियो या स्टिल इमेज की पिक्चर क्वॉलिटी और उनका साइज यूजर्स की प्रमुख मांग बन गया है।


अब डिस्प्ले डिवाइसेज के निर्माताओं के सामने भविष्य की तकनीक को अपनाते हुए सबसे ज्यादा क्लियर पिक्चर दिखाने वाली डिस्प्ले यूनिट ग्राहकों तक पहुंचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। हालांकि आज भी भारत में अधिकांश घरों में सामान्य सीआरटी टीवी ही मौजूद हैं।

इसके बाद एलसीडी, फिर प्लाज्मा, फिर एलईडी, फिर स्मार्ट और फिर फुल एचडी और फिर थ्रीडी एलईडी टीवी का नाम आता है। देश में अभी भी फुल एचडी और थ्रीडी देखने वाले बहुत कम दर्शक हैं।

तकनीक की हर पल बदलती दुनिया में अल्ट्रा एचडी को लॉन्च करना कंपनियों की मजबूरी बन गई है। टीवी बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने बीते दिनों में अल्ट्रा एचडी टीवी लॉन्च किए, जो सामान्य या फिर कहें अमीरों के भी सबसे उच्च वर्ग की ही पहुंच में ही हैं। लेकिन भारतीय बाजार में भी अब अल्ट्रा एचडी टीवी ने अपनी पहुंच बना ली है।

अल्ट्रा एचडी
इसकी शुरुआत 4K (फोरK या चार हजार) पिक्सल से होती है। सामान्य टीवी में रेजोल्यूशन को मापने के लिए वर्टिकल पिक्सल (लंबवत) को मापा जाता है। उदाहरण के रूप में 1920x1080 रेजोल्यूशन की टीवी में 1080 पी वर्टिकल आंकड़े बताता है।

जबकि अल्ट्रा एचडी टीवी में रेजोल्यूशन के लिए पिक्सल का वर्टिकल की जगह हॉरिजेंटल मेजरमेंट (क्षैतिज माप) किया जाता है। मतलब ऐसी डिस्प्ले स्क्रीन, जिसमें 3840x2160 (1920 x1080का दोगुना) पिक्सल हों। इसी को कहते हैं फोरK(4K)। इसका पूरा नाम क्वॉड फुल एचडी या क्यूएफएचडी है।

अल्ट्रा एचडी 8K रेजोल्यूशन तक आता है। इसमें 7680x4320 पिक्सल मौजूद होते हैं। इस क्वालिटी की पिक्चर में आपको इतनी छोटी सी भी डिटेल साफ दिखाई देगी, जो सामान्यतः आपने सोची भी नहीं होगी। जैसे एक लाल चींटी की आंख या फिर मच्छर के हिलते हुए पंख भी आपको साफ दिखाई देते हैं।

क्यों खास है अल्ट्रा

थ्रीडी और स्मार्ट टीवी के बेहतर गुण।

पिक्चर क्वालिटी की बेहतर क्षमता।

गेमिंग के लिए एक वक्त में बिना स्पिलिट स्क्रीन के दो लोगों के खेलने के लिए ड्युअल विजिबिलिटी।

हर फॉर्मेट की मूवी या वीडियो देखने की सुविधा।

वाईडाई यानी वायरलेस डिस्प्ले यानी बिना तार के वीडियो देखने की सुविधा।

किसी भी टीवी में सबसे बेहतर साउंड क्वॉलिटी की सुविधा।

टीवी और कितने!
वक्त के साथ टेलीविजन के स्वरूप में भी बदलाव आया है। सबसे पहले सामान्य सीआरटी (कैथोड रे ट्यूब) टीवी, फिर एलसीडी (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले), प्लाज्मा, एलईडी (लाइट एमिटिंग डायोड), थ्री-डी एलईडी (थ्री डायमेंशनल) और स्मार्ट टीवी समेत टेलीविजन के कई रूप सामने आ चुके हैं।

इसके बाद एचडी (हाई डेफिनिशन) रेडी टीवी के रूप में सामने आया। जिसमें एचडी वीडियो को देखने का विकल्प ग्राहकों के सामने सामान्य प्लाज्मा, एलसीडी टीवी में देखने को मिला। इसके बाद फुल एचडी यानी ऐसा एलसीडी या एलईडी टीवी, जिसमें पूरा हाई डेफिनिशन वीडियो-स्टिल इमेज देखा जा सके, लॉन्च किए गए।

फुल एचडी टीवी यानी 1920x1080 पिक्सल डिस्प्ले को बिना किसी रुकावट के दिखाने वाला यूनिट, जो फिलहाल अब तक की सबसे क्लियर, क्वालिटी ओरिएंटेड पिक्चर दिखाने में सक्षम माना जाता है। यहां यह बताना बहुत जरूरी है कि 1920 x1080 यानी जिसे 1080पी या फुल एचडी के नाम से जाना जाता है, वास्तव में 1080 पिक्सल का वर्टिकल आंकड़ा है।

अब तक के एचडी डिस्प्ले में रेजोल्यूशन को मापने के लिए वर्टिकल पिक्सल को ही मापा जाता है। 1080 पी से पहले 480पी या 720पी को क्लिएरटी के मामले में बहुत बेहतर माना जाता था। लेकिन 1080पी के आने के बाद यह सभी पैमाने बीते दिनों की बात हो गए।



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