नई, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी

नई, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी : क्या खाक!
नई, ताज़ातरीन तकनॉलाज़ी ने आपको भी अकसर आकर्षित किया होगा. पर, तकनॉलाज़ी के अद्यतन होते रहने की यह रफ़्तार कभी रुकेगी भी? आखिर आप कब तक नई लेटेस्ट तकनॉलाज़ी से कदमताल मिलाते रहेंगे?

कोई पंद्रह बरस पहले जब मैंने अपने मुहल्ले का पहला पर्सनल कम्प्यूटर अपने जीपीएफ़ के पैसे से एडवांस लेकर खरीदा था तो उस वक्त की लेटेस्ट तकनॉलाज़ी के लिहाज से 14 इंची कलर मॉनीटर युक्त, 16 मेबा रैम व 1 जीबी हार्ड डिस्क युक्त, 433 मे.हर्त्ज का कम्प्यूटर था, जो उस वक्त के लिहाज से बहुत बड़ी कीमत में आया था.

मैं अपनी उस लेटेस्ट तकनॉलाज़ी युक्त कम्प्यूटर की शक्ति से खासा प्रभावित था और चूंकि वो मेरे मुहल्ले का एकमात्र व पहला कम्प्यूटर था, अतः उसकी अच्छी खासी धाक भी थी. लोग-बाग़ सिर्फ उसके दर्शन करने आते – एक दूसरे से चर्चा करते - कलर मॉनीटर वाला कम्प्यूटर है – मल्टीमीडिया वाला, जिसमें गाने भी सुन सकते हैं और फिल्म भी देख सकते हैं. एकदम नेबर्स एन्वी, ओनर्स प्राइड वाला मामला था.

मगर, जल्द ही परिस्थितियाँ बदल गईं. उम्मीद से पहले. पड़ोस का कोई बंदा नया लेटेस्ट तकनॉलाज़ी वाला, 450 मे.हर्त्ज युक्त, एमएमएक्स तकनॉलाज़ी वाला, 32 मेबा रैम युक्त, 2 जीबी हार्डडिस्क सहित, डिजिटल कलर मॉनीटर वाला डेस्कटॉप कम्प्यूटर ले आया. मजे की बात ये कि वो इस नए, ताज़ा, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी वाले, ज्यादा उच्च शक्ति वाली मशीन को उसने अपेक्षाकृत कम पैसे में खरीदा. अब, जाहिर है, जलने की बारी मेरी थी.

कुछ और समय बीतते न बीतते हुआ ये कि हार्डवेयरों और सॉफ़्टवेयरों में नई, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी के लगातार पदार्पण के चलते मेरे कम्प्यूटर ने नए अनुप्रयोगों को चलाने से मना कर दिया और उसका हार्ड डिस्क गले तक भर भर कर मर खप गया. मजबूरी में मुझे पेंटियम 3 श्रेणी का 1.6 गीगा हर्त्ज प्रोसेसर, 256 मेबा रैम व 20 जीबी हार्डडिस्क वाला कम्प्यूटर खरीदना पड़ा. ये भी, उस वक्त के लिहाज से लेटेस्ट था. मैं और मेरा कम्प्यूटर फिर से एकबार लेटेस्ट हो चुके थे. तमाम क्षेत्र में महंगाई के रोने के बावजूद मैंने इसे अपनी पहली मशीन की कीमत से आधे कीमत में खरीदा.

कुछ अरसा बीता ही था कि चहुँओर आईटी और कम्प्यूटरों ने जोर मारा तो पूरे मुहल्ले में पेंटियम 4 की धूम मच गई. अब जो भी कम्प्यूटर लाता, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी युक्त पेंटियम 4 की मशीन लाता. रैम 1 जीबी से कम नहीं. हार्डडिस्क तो 120 जीबी तक चली गई. एक बंदा 250 जीबी हार्डडिस्क वाली, 17 इंच एलसीडी मॉनीटर युक्त लेटेस्ट मशीन लाया तो उत्सुकता वश मैं भी उसे देखने गया. उस भारी भरकम लेटेस्ट मशीन को छूकर देखने से कुछ अलग सा अहसास हुआ. और, ये मेरे कुछ महीने पहले खरीदे गए इससे आधी शक्ति और कॉन्फ़िगुरेशन वाले लेटेस्ट मशीन से सस्ता ही था.

इस बीच मुझे एक लैपटॉप की जरूरत पड़ी तो मैंने लेटेस्ट 64 बिट प्रोसेसर युक्त मशीन खरीदा था. ये मशीन इतना लेटेस्ट निकला था कि कंपनी के पास इसमें डालने के लिए 64 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम ही कम्पेटिबल नहीं था, लिहाजा कंपनी ने इसमें 32 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम डाला हुआ था.

अभी गुजरे धनतेरस पर मैंने सोचा कि कुछ लेटेस्ट गॅजेट या नेटबुक खरीदा जाए. बहुत दिनों से लेटेस्ट तकनॉलाज़ी का कुछ खरीदा नहीं था. वैसे विंडोज विस्ता ने बहुतों को लेटेस्ट तकनॉलाज़ी की मशीन ले लेने के लिए मजबूर कर दिया ही था, परंतु धन्य है कि वो स्वयं ही फेल हो गया बेचारा. मैंने नेटबुक के लिए लेटेस्ट तकनॉलाज़ी वाले मशीन की तलाश की. पता चला कि छः माह पहले सोलह हजार में जो मशीन जितने रुपए में मिल रही थी, उससे कम कीमत में उससे ज्यादा अच्छी मशीन आज मिल रही है. मैंने नेटबुक में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में कुछ अता-पता किया तो पता चला कि अभी जो मशीनें मिल रही हैं, उनमें कोल्ड कैथोड का प्रयोग होता है. नई आने वाली मशीनों में बैक लाइट के लिए कोल्ड कैथोड के बजाए एलईडी का प्रयोग होगा जिससे मशीनें बिजली कम खाएंगी और इनकी बैटरी की उम्र भी ज्यादा होंगी. नई मशीनों में 120 जीबी तक सॉलिड स्टेट डिस्कें होंगी. मैंने लेटेस्ट तकनॉलाज़ी के आते तक अपनी यह खरीद मुल्तवी रखी है. देखें, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी और क्या-क्या लेटेस्ट लाती है – वो भी सस्ते में! मोबाइल फ़ोनों की बात तो आप पूछिए ही मत. मेरे अब तक के आधे दर्जन, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी युक्त मोबाइल फोन दुकान से खरीद कर नीचे उतरते ही लेटेस्ट तकनॉलाज़ी के कारण पुराने पड़ गए तब से मैंने अपने मोबाइल (को अद्यतन करने) की ओर झांका भी नहीं है.

इस बीच आशा ने फ़रमाइश की कि अपना 21 इंची सीआरटी टीवी पुराना हो गया है (जबकि वो महज चार साल पहले आया है, और जब आया था, तो लेटेस्ट तकनॉलाज़ी युक्त फ्लैटस्क्रीन वाला था) उसे बदल कर नया 29 इंची बड़ी स्क्रीन का टीवी ले आते हैं. पड़ोस में 29 इंची, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी का टीवी जो आ चुका था, अत: बच्चों को भी इस छोटी स्क्रीन में टीवी सीरियल देखने में उतना मजा नहीं आ रहा था. इससे भी बड़ी बात ये थी उनके लिहाज से तकनॉलाज़ी में पुराने पड़ चुके 21 इंची टीवी को ड्राइंग रूम में रखना शर्म की बात थी. अलबत्ता घर का सेकंड टीवी हो तो उसे घर में रखा जा सकता है. लिहाजा, मैंने नए, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी वाले टीवी के बारे में मालूमात किए तो पता चला कि एलसीडी स्क्रीन वाले 27 इंची टीवी लेटेस्ट तों हैं. परंतु इनसे भी अधिक लेटेस्ट तकनॉलाज़ी के, ओएलईडी, प्लाज़्मा और पेपर थिन तकनॉलाज़ी के उत्पाद आ रहे हैं और आने वाले हैं. मैं किसी बढ़िया कम्पनी का बढ़िया, लेटेस्ट तकनॉलाज़ी का एलसीडी टीवी पसंद करता इससे पहले ही मेरी नज़र इस खबर पर पड़ी कि सैमसुंग ने कार्बन नैनोट्यूब युक्त रंगीन ई-पेपर नामक डिस्प्ले बनाया है जिससे टीवी देखने का अंदाज ही बदल जाएगा. मैं घर में बीवी-बच्चों को मनाने में लगा हुआ हूं कि भई लेटेस्ट तकनॉलाज़ी की ये टीवी आने दो, ले लेंगे.

परंतु फिर, जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे लगता है – लेटेस्ट तकनॉलाज़ी – क्या खाक!



आपकी टिप्पणी मेरे लिए मेरे लिए "अमोल" होंगी | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा | Haw Can It के लेख पसंद आने पर कृपया Haw Can It ब्लॉग के समर्थक (Follower) बने। सादर धन्यवाद।।

0 comments:

Post a Comment