सेकंड हैंड फोन खरीदते समय धोखे से बचने के लिए ध्यान रखें

स्मार्टफोन्स के आने के बाद से यूजर्स लगातार नए और लेटेस्ट फीचर वाला फोन लेना चाहता है। ऐसे में कई बार पुराना फोन बिना किसी खराबी के बदलने की जरूरत पड़ जाती है। इसी तरह कई लोग ऐसे भी हैं जो पुराने स्मार्टफोन्स खरीदते भी हैं। पैसों की कमी के कारण या लेटेस्ट मॉडल कम कीमत में मिलने के कारण अगर आप किसी का पुराना स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है कुछ बातों का ध्यान देना जिनकी वजह से आप ठगी या धोखाधड़ी से बच सकते हैं। पुराना स्मार्टफोन खरीदते समय ध्यान रखें- अपना पसंदीदा फोन सिलेक्ट करने और मोल भाव करने के बाद भी कई ऐसी बातें होती हैं जिन्हें चेक करना बहुत जरूरी होता है। मसलन बहुत से यूजर्स को इस बात का पता नहीं होता की अगर उन्होंने किसी ऑनलाइन वेबसाइट से पुराना हैंडसेट मंगाया है तो वो लॉक भी हो सकता है। जैसे अमेरिका में कॉन्ट्रैक्ट मोबाइल फोन्स की बिक्री ज्यादा होती है जिसमें कम कीमत में दो साल के लिए किसी खास सिम पर फोन को चालू कर दिया जाता है, लेकिन फिर उस फोन पर बाकी सिम काम नहीं करेंगी। अगर ऐसा कोई फोन आपने इम्पोर्ट करा लिया तो खरीदने के बाद भी उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। ब्लूटूथ, वाई-फाई और बाकी कनेक्टिविटी ऑप्शन चेक करना-कई बार गैजेट में किसी टेक्निकल गड़बड़ी के कारण ब्लूटूथ, वाई-फाई और बाकी कनेक्टिविटी ऑप्शन काम करना बंद कर देते हैं। कोई भी पुराना फोन लेने से पहले ये ध्यान रखें की ब्लूटूथ, वाई-फाई, यूएसबी जैसे कनेक्टिविटी ऑप्शन को चेक कर लें। ब्लूटूथ को इस्तेमाल कर देख लें की ये ठीक से बाकी डिवाइस को सर्च कर रहा है या नहीं। अधिकतर कोई भी स्मार्टफोन खराब होते ही सबसे पहले इन कनेक्टिविटी ऑप्शन को सपोर्ट करना बंद कर देता है। ये एक ऐसा फीचर है जिसे अधिकतर यूजर्स चेक नहीं करते हैं। ऐसे में बेचने वाले के लिए आपको खराब गैजेट बेचना ज्यादा आसान हो जाता है। अगर गैजेट खरीदते समय आपके पास कोई ऐसा डिवाइस है जो वाई-फाई हॉट-स्पॉट क्रिएट कर सकता है तो उसका इस्तेमाल भी करें। मेमोरी- कोई भी सेकंड हैंड फोन खरीदते समय ध्यान रखें की फोन का मेमोरी स्टेटस चेक कर लें। इंटरनल स्टोरेज में ऐप्स सेव रहते हैं और एक्सटर्नल स्टोरेज में अन्य चीजें। किसी भी फाइल को इंटरनल मेमोरी से एक्सटर्नल मेमोरी में शिफ्ट करके देख लें। अगर फाइल आसानी से ट्रांसफर हो रही है तो सब सही है, लेकिन अगर कोई एरर आ रहा है तो हो सकता है कि फोन में मेमोरी प्रॉब्लम हो या फिर वायरस हो जो फोन मेमोरी में फाइल शिफ्ट नहीं करने दे रहा हो। अगर आप आईफोन लेने जा रहे हैं तो उनमें एक्सटरनल स्टोरेज नहीं होती है। ऐसे में फोन की स्पेसिफिकेशन सेटिंग्स में जाकर अच्छे से देख लें। हो सकता है कि बेचने वाला आपको 16 GB मॉडल बताकर 8 GB बेच दे और आप उसे खरीद भी लें। कैमरा- लिस्ट बहुत लंबी हो सकती है, लेकिन जरूरी फीचर्स को चेक कर लिया जाए तो ये बेहतर होगा। नया हो या पुराना किसी भी स्मार्टफोन को खरीदने से पहले कैमरा फीचर्स अच्छे से चेक कर लें। फोन से फोटो और वीडियो बना कर देख लें। कैमरा फीचर्स स्क्रीन पर कई बार ठीक दिखते हैं, लेकिन फोटोज खींचने के बाद क्वालिटी काफी खराब आती है। रियर कैमरा, फ्रंट कैमरा और फ्लैश सभी को अच्छे से चेक कर लेना चाहिए। * IMEI नंबर- कोई भी सेकंड हैंड फोन लेने से पहले बैटरी पर लिखा IMEI नबंर देख लें। फोन पर *#06# डायल कर अपने हैंडसेट का IMEI नंबर और बैटरी पर लिखे नंबर को मिल कर देखें। अगर दोनों अलग हैं तो बैटरी बदली गई है। ये खराब क्वालिटी की लोकल बैटरी भी हो सकती है। इसके अलावा, इंटरनेट पर IMEI नंबर की डिटेल्स जरूर चेक करें। हो सकता है कि जिस सेकंड हैंड स्मार्टफोन को आप लेने जा रहे हैं वो किसी से चुराया गया हो या उसके खो जाने की रिपोर्ट हुई हो। बिल या वारंटी बॉक्स- कोई भी पुराना स्मार्टफोन खरीदते समय ये ध्यान रखें की उस गैजेट का असली बिल या वारंटी पेपर चेक करना ना भूलें। ओरिजिनल बिल से आपको फोन के खरीदे जाने की असली डेट का पता चल सकता है। अगर हैंडसेट वारंटी के अंदर है तो उसकी कीमत बढ़ जाती है। अगर वारंटी खत्म हो चुकी है तो हैंडसेट सस्ते दाम में मिल सकता है। * एक्सेसरीज- कोई भी गैजेट लेने से पहले उसके साथ मिलने वाली एक्सेसरीज को जरूर ध्यान से चेक कर लें। चार्जर, हैडफोन या यूएसबी केबल चेक करने से बाद में किसी भी गड़बड़ी से आप बच सकते हैं। डिस्प्ले- पुराने स्मार्टफोन में जिस फीचर के खराब होने का खतरा सबसे पहले रहता है वो होता है फोन का डिस्प्ले। फोन के डिस्प्ले को चेक करने के लिए किसी भी रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं होती है। सबसे आसान तरीका होता है स्क्रीन के सभी हिस्सों को अच्छे से चेक करना। स्क्रीन पर डेड पिक्सल को भी चेक कर लेना चाहिए। स्क्रीन पर किसी भी जगह अगर ब्लैक या रेड कलर का स्पॉट दिख रहा है तो वो डेड पिक्सल है। स्क्रीन सबसे पहले उस जगह से रिस्पॉन्स देना बंद करेगी। इसके अलावा, ऑनस्क्रीन की-बोर्ड को दोनों हॉरिजॉन्टल और वर्टिल मोड में चला कर देख लें। देख लें की सभी बटन अच्छे से काम कर रहे हैं या नहीं। गैलरी से कोई भी फोटो खोलें और उसे जूम इन और जूम आउट कर के देख लें। ऐसा करने से स्क्रीन को चेक करना ज्यादा आसान हो जाएगा। आपकी अमूल्य टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद। Haw Can It के लेख पसंद आने पर कृपया Haw Can It ब्लॉग के समर्थक (Follower) बने। धन्यवाद। सादर।।
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