Hard disk हार्ड डिस्क से डेटा रिकवरी करें और डिलीट फ़ाइलें दुबारा पायें data recovery

कम्प्यूटर में डेटा का नुकसान (Computer data loss) तो किसी भी हो सकता है, चाहे किसी को कितना ही कम्प्यूटर आता हो, चाहे वह कितना ही समय-समय पर कम्प्यूटर डेटा का बैकअप (Regular data backup) लेता हो। साथ ही बैकअप लेने के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी अगर कोई चीज़ है तो वह बैटरी बैकअप है। लेकिन इसमें कभी भी कोई ख़राबी आ सकती है जिससे कम्प्यूटर डेटा को सेव करने में चूक हो सकती है।
कम्प्यूटर डेटा का नुकसान होने पर डेटा रिकवरी सॉफ़्टवेयर (Data recovery software) के द्वारा उसे फिर से प्राप्त किया जा सकता है। आपको डेटा का नुकसान कई कारणों से हो सकता है, जैसे कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क काम करना बंद कर दे (Hard drive malfunctioning), डेटा करप्ट हो जाए (Corruption of data) या ग़लती से कोई ऐसी बड़ी फ़ाइल डिलीट हो जाए जो रिसाइक्ल बिन (Too big for Recycle bin) के लिए बहुत बड़ी हो।

यदि आप स्वयं को पहले से तैयार रखेंगे तो आप किसी भी बड़े नुकसान से बच सकते हैं और कम्प्यूटर डेटा का बैकअप (Backup computer data) आसानी से ले सकते हैं। इसके लिए बहुत छोटी सी तैयारी रखनी पड़ती है।


डेटा रिकवरी के लिए तैयार रहिए

Be Prepared For Data Recovery
डेटा का नुकसान होने पर उसे दुबार पाने के लिए आवश्यक है कि आप तैयारी रखें।
आज हम उन बातों की चर्चा कर रहे हैं जिनसे आप डेटा रिकवरी को सम्भव बना सकते हैं।
1. जब तक आप डेटा रिकवरी न कर लें तब तक अपने कम्प्यूटर का प्रयोग कम से कम करें। ऐसा करने से डेटा रिकवरी कर पाना बहुत हद सफल रहता है। कुछ अन्य बातें भी हैं जिनका आपको ध्यान रखना है:
– जिस हार्ड डिस्क से डेटा रिकवरी (Data recovery) करनी है उसमें कोई भी नया डेटा कापी न करें।
– इंटरनेट न चलायें क्योंकि ब्राउज़िंग या डाउनलोड होने वाला डेटा हार्ड डिस्क पर ही सेव (Save) होता है।
– ऐसे प्रोग्राम भी नहीं चलाने चाहिए जो हार्ड डिस्क स्पेस लेते हों।
– अपने कम्प्यूटर को रिस्टार्ट न करें (Don’t restart computer)।
2. डेटा रिकवरी शुरु करने से पहले हार्ड डिस्क में जगह बना लें। ऐसा करने से पुरानी सुरक्षित फ़ाइलें रिकवरी के समय ओवर राइट (Overwrite) नहीं होंगी। इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
– जिनकी ज़रूरत नहीं है उन फ़ाइलों को डिलीट कर दीजिए या उन्हें दूसरी हार्ड डिस्क में सेव (Save) कर दीजिए।
– रिसाइक्ल बिन को ख़ाली कर दीजिए (ध्यान रखिए कि इस समय उसमें कोई काम फ़ाइल न चली गयी हो।)
– अपने इंटरनेट ब्राउज़र का कैश (Cache of browser) हटा दीजिए|
– डेटा रिकवरी सॉफ़्टवेयर को डेटा के नुकसान होने के बाद यदि इंस्टाल किया जाता है तो डेटा के ओवर राइट होने के चांस (Chance) सबसे अधिक होते हैं। लेकिन यदि आप सौभाग्यशाली हैं और आपका डेटा सुरक्षित है तो आपको डेटा के किसी नुकसान से पहले ही अपने कम्प्यूटर पर डेटा रिकवरी प्रोग्राम (Data recovery program) इंस्टाल कर लेना चाहिए। एक डेटा रिकवरी प्रोग्राम को आपके डेटा का अच्छा इंशोरेंस माना जाता है इसलिए जिस हार्ड डिस्क पर डेटा लॉस (Data loss) हुआ हो उस ये सॉफ़्टवेयर इंस्टाल नहीं करना चाहिए।
डेटा रिकवरी के लिए हार्ड डिस्क पर सॉफ़्टवेयर को कन्टेंट एनालाइज़ (let the program analyze the content) करने दीजिए और उसके बाद उन फ़ाइलों को चुनिए जिन्हें आप वापस पाना चाहते हैं। इसके बाद वह लोकेशन (Location) चुनिए जहाँ रिकवर की जाने वाली फ़ाइल को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त जगह हो क्योंकि प्राय: ऐसा देखा गया है कि रिकवर होने पर फ़ाइल का आकार उसके सामान्य आकार से बड़ा होता है यानि वह कम्प्यूटर हार्ड डिस्क पर पहले से ज़्यादा जगह घेरती है।
जिस हार्ड डिस्क से डेटा रिकवर किया जा रहा है उस पर रिकवर की गयी फ़ाइलों को नहीं रखना चाहिए। इसके लिए दूसरी कोई हार्ड डिस्क, एक्स्टर्नल हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव या नेटवर्क का प्रयोग करना चाहिए।
डेटा लॉस से पहले तैयारी रखना सदैव ही बुद्धिमत्ता है।

इस लेख से सम्बंधित प्रश्नों और सुझावों का हम स्वागत करते हैं।


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