ब्लॉग डिज़ाइन में ये 5 गलतियाँ कभी न करें

जैसे ही आपके ब्लॉग पर कोई नया पाठक आता है तो वह सबसे पहले क्या देखता है? न तो वह आपके ब्लॉग का शीर्षक पढ़ता है और न ही वह ब्लॉग के सरल नेवीगेशन पर अपना ध्यान ले जाता है। कोई भी पाठक चाहे या न चाहे आपके ब्लॉग डिज़ाइन पर ही उसकी नज़र पड़ती है।
इस कारण से आपके ब्लॉग की डिज़ाइन नये पाठकों पर अपनी एक अलग छाप छोड़ती है। क्या आप अपने पाठकों के सामने अपने ब्लॉग डिज़ाइन को लेकर पहली ही बार में शर्मिंदा महसूस करना चाहेंगे? क्या आप सिर्फ़ इस वजह से पाठक खो देना चाहते हैं कि आपके ब्लॉग का डिज़ाइन अच्छा नहीं है? अगर आप ब्लॉगिंग आमदनी के लिए कर रहे हैं तो हर पाठक आपका ग्राहक है ऐसी सोच रखना ग़लत नहीं है। आपको अपने ग्राहकों लुभाने के लिए सुंदर और बढ़िया डिज़ाइन चुनना चाहिए। ब्लॉग डिज़ाइन में कभी भी कोई गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। एक बेहतर ब्लॉग डिज़ाइन लम्बे समय तक पाठकों से आपके सम्बंध को बेहतर बनाती है।

ब्लॉग डिज़ाइन की 5 प्रमुख ग़लतियाँ, जो पाठक पसंद नहीं करते

आज हम ऐसी पाँच ग़लतियों की चर्चा करेंगे जिसके कारण आप नये पाठकों को अपनी ओर आकर्षित कर उन्हें अपना ग्राहक नहीं बना पाते हैं। हम यह बात आपको एक डिज़ाइनर की तरह न समझाकर सरल शब्दों में समझायेंगे।

महत्वाकांक्षी ब्लॉग डिज़ाइन

आप और आपके के ब्लॉग की डिज़ाइन बहुत रचनात्मक हो सकती है। लेकिन यह बात किसी पाठक को जताने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। ब्लॉग डिज़ाइन में बिना अर्थ के कुछ भी डालने की कोई आवश्यकता नहीं है। ऐसी कोई डिज़ाइन तैयार कीजिए जिसे देखकर कहा जा सके – वाह क्या बात है?
प्रभावशाली ब्लॉग डिज़ाइन का अर्थ है जो आपके ब्लॉग और आपके व्यक्तित्व को दिखा सके। इसमें प्रभाव और सरलता दोनों होनी चाहिए अगर आप प्रोशनल ब्लॉगरों के ब्लॉग देखें तो उनके ब्लॉग सुंदर और व्यवस्थित होते हैं| उनके ब्लॉग का नेवीगेशन और साइडबार में किसी प्रकार की कमी नहीं होती है। जिससे पाठकों के सामने अधिक से अधिक सामग्री प्रस्तुत की जा सकती है।

अजीब दिखने वाली डिज़ाइन

यह बहुत सामान्य ग़लती है। इसमें आप अपने पाठकों के विषय में भूलकर अपने स्तर से ब्लॉग का डिज़ाइन प्रस्तुत करते हैं। औसत इंटरनेट उपभोक्ता न ही ब्लॉगर हैं और न ही ब्लॉग के डिज़ाइनर। ये सामान्य लोग हैं, जिन्हें हम चारों ओर देखते हैं। ये लोग सामान्य लोगों से एक चरण आगे एक इंटरनेट उपभोक्ता हैं। तो इनके बारे में कोई ग़लत धारणा बनाना कि इन्हें सब कुछ आता है या इन्हें कुछ नहीं आता, सही नहीं है। आपको ब्लॉग का डिज़ाइन सुंदर रखना चाहिए लेकिन यह इतना सरल हो कि कक्षा 5 का बच्चा भी इसे आसानी से समझ ले।

भड़कीले रंगों वाली ब्लॉग डिज़ाइन

भड़कीले रंगों वाली साइटें आकर्षक तो दिखती हैं किंतु एक वर्ग विशेष को ही पसंद आती हैं। हल्के रंगों वाले ब्लॉग डिज़ाइन इंटरनेट पर सबसे ज़्यादा पसंद किये जाते हैं। इसके लिए आप इंटरनेट सबसे अधिक पसंद किये जाने वाले ब्लॉगों के बारे में खोजकर उनके ब्लॉग डिज़ाइन का अध्ययन कर सकते हैं। इनमें हर किसी ने अलग-अलग रंगों को चुना होगा लेकिन तड़क-भड़क को बिल्कुल नहीं अपनाया होगा।

बहुत अधिक सजावट वाली ब्लॉग डिज़ाइन

ऐसे ब्लॉग डिज़ाइन में बहुत से वक्र (कर्व), रेखाएँ, बार्डर, चार्ट, चित्रों आदि का प्रयोग होता है। ब्लॉग डिज़ाइन को सरल और सुसज्जित होना चाहिए। ऐसी डिज़ाइनों में प्राय: ये ग़लती पायी जाती है कि ये पाठक को हर बताती हैं कि यहाँ जाइए या यहाँ आइए। पाठक को जहाँ आवश्यकता हो वहीं बतायें कि उसे कहाँ जाना चाहिए।

अनियोजित ब्लॉग डिज़ाइन

यह ब्लॉग डिज़ाइन सम्बंधित बहुत बड़ी ग़लती है। अनेक ब्लॉगर अपने ब्लॉग की डिज़ाइन तैयार करने से पहले कोई योजना नहीं बनाते हैं। वे ब्लॉग पर कहीं भी कुछ भी बिना आवश्यकता समझे जोड़ देते हैं। जिससे पाठक भ्रमित होकर ब्लॉग छोड़ देता है। पाठक भूल जाता है कि वह किस उद्देश्य से आपके ब्लॉग पर आया था। आप ऐसे अनेक ब्लॉग देखेंगे जो ठीक से न तो खुलते हैं और न ही उनमें आपके ज़रूरत की चीज़ सामने दिखती है। कुछ ब्लॉग तो बस यह दिखाने में लगे रहते हैं कि कितने लोग उनके दिवाने हैं पर ऐसा होता नहीं है। वो ईमेल से, फ़ोन से अपने मित्रों को कहकहकर फ़ॉलो या लाइक करवाते हैं। ऐसे ब्लॉगरों को पाठकों से ज़्यादा अपनी चिंता होती है।
ब्लॉग डिज़ाइन को लेकर हम आपको एक उदाहरण देते हैं। आज हिंदी ब्लॉग में यात्रा ब्लॉग जितने कम समय में लोकप्रिय हुआ है उसका अधिकतर श्रेय उसकी ब्लॉग डिज़ाइन को जाता है। इस ब्लॉग के संचालक श्री मनु त्यागी ने काफ़ी समय हमसे इसकी चर्चा की और हमने उन्हें ऐसा ब्लॉग डिज़ाइन उपलब्ध कराया जिसने यात्रा विवरण वाले ब्लॉगों में अपना प्रथम स्थान बना लिया। हम आशा करते हैं कि आप भी ऐसा कुछ कर पायेंगे।
आप इन ग़लतियों से बचिए और स्वयं से ज़्यादा अपने पाठकों की रुचियों और आवश्यकताओं का ध्यान रखिए।

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