अपना फोन रूट करने से पहले ध्यान में रखें ये बातें

अक्सर आपने फोन रूट करने से जुड़ी कई खबरें सुनी होंगी, फोन को रूट करने से मतलब है आप उसके सॉफ्टवेयर में सेंध लगाकर उसे जैसा चाहे वैसा बना लें।
ये थोड़ा टेक्निकल जरूर है मगर जहां इसके कई फायदे हैं वहीं इसके नुकसान भी हैं।


हालाकि काफी कम लोग अपने स्मार्टफोन को रूट करते हैं। फोन को रूट करने के बाद आप इसके सीपीयू, रैम, एसडी कार्ड ऑप्शन के अलावा कई दूसरे फीचरों पर कंट्रोल कर सकते हैं।
अगर आप अपने फोन को रूट करना चाहते हैं तो उससे पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान हमेशा रखें।

1.
फोन रूट करने के बाद अगर आप अपने फोन के फीचरों को अपग्रेड करना नहीं जानते तो आपको फोन किसी काम का नहीं रहेगा।
क्योंकि एक बार नए ऑप्शन को हटाने के बाद दोबारा उसे फिर से इनेबल नहीं किया जा सकता।

2.
फोन रूट करने के बाद आपको एंड्रायड का लेटेस्ट वर्जन मिलता है,
मगर एंड्रायड जो भी ऑफीशियल अपडेट करेगा उसे आप अपने फोन में नहीं कर सकेंगे।

3.
रूट करने के बाद आपके फोन की वारंटी चली जाती है फिर भले ही आपने अपना फोन 1 दिन पहले ही क्यों न लिया हो।

4.
फोन रूट करने के बाद आपके फोन में बग आने का खतरा बढ़ जाता है,
यानी कोई भी आपके फोन को आसानी से हैक कर सकता है।

5.
रूट करने के बाद किसी भी डिवाइस की परफार्मेंस पर असर पड़ता है,
फोन कुछ दिनों तक तो अच्छी परफार्मेंस देता है मगर समय के साथ ये काफी स्लो हो जाता है

6.
आपका फोन स्पाईवेयर और एडवेयर के चपेट में आ सकता है जो फोन में सेव डेटा के लिए काफी बड़ा खतरा है।

7.
फोन रूट करने के बाद आप एंड्रायड की जेन्युन यूजर लिस्ट से बाहर चले जाते हैं।

8.
फोन को रूट करने के लिए कई सॉफ्टवेयर ऑनलाइन मिलते हैं मगर इनमें से कुछ सॉफ्टवेयर इसे बनाने वाले को फायदा देने के लिए अपडेट देते रहते हैं।

9.
फोन रूट करने के बाद आपके फोन की ओरीजनल भाषा बदल सकती है।

10.
ऑनलाइन रूटिंग सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने से पहले उसके नीचे दिए गए नोटिस को जरूर पड़े जिसमें लिखा रहता है रूट होने के बाद डिवाइस में जो भी होगा उसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी।



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